आजकल देश में बीजेपी तथा कुछ हिंदूवादी दलों के अलावा लगभग सभी दल धर्मनिरपेक्षता की बहुत बातें कर रहें हँ। धर्मनिरपेक्षता का अर्थ हें धर्म विहीनता । क्यों ये सभी दल देश को धर्म विहीन बनाना चाहतें हें । ताजुब की तथा बेहद शर्म की बात ह की जिन महात्मा गाँधी ने भारत में रामराज्य लानें का सपना देखा था उनके आदर्शों पर चलने की बातें करनें वाली कांग्रेस पार्टी भी देश को धर्मविहीन बनाना चाहती हें .चुनाओं में ही कांग्रेस को गाँधी यादआतेहें परन्तुं जीवनभर राम को अपना आदर्श मानने वाले राम से कांग्रेस नफरत करतीहें । वह राम मन्दिर का विरोध करती हें ,राम जन्मभूमि पर मन्दिर की जगह मस्जिद बनाना चाहती हें ,रामसेतु को टूटने से बचाने की बजाय तोरने वालों का साथ देने के लिए राम के होने को ही नकारती हें । यह देश का केसा दुर्भाग्य ह की सत्ता के लालच में कांग्रेस तथा दुसरे कुछ दल एक एसे देश को धर्म विहीन बना देना चाहतें हें जो सर्व धर्म सदभाव की मिशाल हें । यह देश के लिए बहुत घातकहें । क्या ये दल देश का मुस्लिमिकरण करना चाहतें हें .ये दल चीख चीख कर बीजेपी को सांप्रदायिक दल तथा अपने को धर्मनिरपेक्ष कहतें हें .इन दलों ने देश में ऐसा माहोल बना दिया हें जेसे कोई भी व्यक्ति ,दल ,संस्था अगर हिंदू हितों की बात करतें हें ये दल हिंदू विरोधी मानसिकता वाले कुछ समाचार पत्रों तथा चैनल बहुत र सहयोग से कुछ एक भी करने में अपनी पुरी ताकत लगा देतें हें । क्या मुस्लिम परस्ती ही धरमनिर्पेक्षता हें । kya kya