गुरुवार, 9 जून 2011

कोंग्रेश के अनुसार संघ (आर.अस.अस.) रास्ट्रभक्त संगठन हे



   जब से बाबा रामदेव जी तथा अन्ना हजारे ने भ्रस्टाचार मिटाने, विदेशों में जमा काला धन वापस लाने तथा एक मजबूत तथा प्रभावी लोकपाल कानून बनाने के लिए आन्दोलन चला रहे हे, सरकार कि नीन्द उडी हुयी हे, सही भी हे, अगर सरकार यह कर दे तो सबसे ज्यादा उनकी तथा उनके सहयोगी दलों के लोगो कि असलियत जनता जान जाएगी, हो सकता उनके कई महान,व त्यागी  घोषित नेताओ को देश छोड़ कर भागना पड़ जाये,.अब सरकार साफ साफ तो यह कह नहीं सकती कि वो यह काम नहीं करेगी या यह कानून नहीं बनाएगी . अब कोंग्रेश के पास अपनी हर बुराइयों , नाकामियों भ्रस्ट आचरण आदि से छुटकारा पाने का सिर्फ एक ही तरीका नजर आता हे, सब कामो के लिए आर. अस. अस. या वी.एच. पी.तथा भाजपा  पर आरोप लगा दो. कोई भी अच्छा काम जो कांग्रेश कि पोल खोलता हो उसके पीछे संग का हाथ बताओ,  पार्टी के सभी नेता चीख चीख कर हर काम के पीछे आर.अस.अस.का हाथ होने कि तोता रटंत शुरू कर देते हे, 
     बाबा रामदेव तथा अन्ना हजारे के आन्दोलन से सरकार कि भारी किरकिरी होने लगी, तथा भ्रस्टाचार, कालाधन तथा लोकपाल बिल के मुद्दे पर सरकार के नकारात्मक रवैये से जब जनता में  सरकार कि यह छवि बनने लगी कि सरकार यह काम करना ही नहीं चाहती , सरकार अपनो को बचाने के लिए इन कामो को टाल रही हे, इस बदनामी से बचने के लिए सरकार व् कांग्रेस पार्टी ने वही पुराना घिसा पिटा आरोप लगाया कि बाबा रामदेव तथा अन्ना  हजारे का आन्दोलन आर. अस. अस. कि देन हे,इसके पीछे आर.अस.अस. कि सोच हे, ये लोग संघ का मुखोटा हे, इनको भाजपा का समर्थन हे. 
      इस  पूरी बात से यह बात साबित हो जाती हे, कि संघ तथा भाजपा चाहते हे कि देश से भ्रस्टाचार मिटे, विदेशों से काला धन भारत में वापस आये, तथा एक मजबूत तथा प्रभावी लोकपाल कानून बने, ताकि देश विकसित देश बने, जनता खुशहाल हो. गरीबी ,मंहगाई तथा भूख से त्रस्त जनता को राहत मिले. देश एक आर्थिक महाशक्ति बने, भ्र्स्ताचारियो, देश का धन लूट कर विदेश भेजने वालो से ना सिर्फ लूट का धन वापस लिया जाये, बल्कि उन्हें कठोर सजा मिले ताकि ना केवल उनको बल्कि दूसरो को भी सबक मिले, तथा उन्हें डर भी बना रहे, 
    अगर संघ यह सब कर रहा तो वास्तव में संघ ही सच्चा देशभक्त संगठन हे, संघ देश को लुटने वालो से देश को बचाना चाहता  हे,देश व देश वासिओं कि खुशहाली चाहता हे, देश के लोग भ्रस्ट व बेईमान ना होकर ईमानदार और सदाचारी बने, अपने किसी काम के लिए उनको किसी नेता या अफसर के सामने गिडगिडाना या रिश्वत देना नहीं पड़े, अगर यह सब होता हे तो प्रगति पुरे देश कि होगी जिसमे हिन्दू मुस्लिम सभी होंगे, संघ ने तो यह कभी नहीं कहा कि देश के संसाधनों पर पहला हक़ हिन्दुओं का हे, यह तो हमारे धरमनिरपेक्ष (सही मतलब धरम विहीन ) प्रधानमंत्री मनमोहन सिंघजी ने कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला हक़ मुसलमानों का हे, कोन हे असली सांप्रदायिक आप समझ सकते हे. 
    इसके विपरीत कोंग्रेस पार्टी नहीं चाहती, कि वह देश कि जनता का धन लूटे, लुटने  वालों को बचाए, विदेशो में  काला धन रखने वालो को सरंक्षण मिले, देश में बिना रिश्वत दिए जनता का कोई काम ना हो, देश में भूखे व गरीबों कि संख्या बढे, ताकि वो लोग अपने को राजा समझने वाले कान्ग्रेसिओं तथा भ्रस्ट अफसरों के सामने गिडगिडाते रहे, देश में कोई लोकपाल कानून नहीं बने ताकि उनके भ्रस्ट और काले कारनामे ढके रहे, इसके लिए वो संघ पर आरोप लगा कर हिन्दू मुस्लिमो में फुट डाल कर धरमनिर्पेक्षता का लबादा ओढ़ साम्प्रदायिकता फैला कर इन सभी आन्दोलनों को कुचलना चाहती हे, ताकि उनकी पार्टी के बड़े नेताओं का काला व घिनोना चेहरा जनता के सामने नहीं आ सके. 
     अब आप सोचिये कोन हे देश भक्त, जनता कि खुशहाली चाहने वाला संघ या जनता का धन लूटने के लिए लगातार प्रयासरत रहने  वाली कांग्रेश पार्टी, वेसे सबसे बड़े  सांप्रदायिक  वो हे जो देश के संसाधनों पर पहला हक़ मुस्लिमों का बताते हे, दुनिया के सबसे बड़े  आतंकी को "ओसमाजी"जेसे शब्दों से सन्मान दर्शाता हे,  क्योंकि वो मुसलमान हे, जो फांसी कि सजा पाए आतंकियों को बचाने में लगे ह, जेल में बंद सेंकडो भारतीओं के हत्यारे पाकिस्तानी आतंकी कि खातिरदारी पर करोड़ों का खर्चा करती सिर्फ इसलिए कि मुसलमान हे, ये ही असली सांप्रदायिक हे, संघ नहीं. आतंकी हमलो में जनता मरती हे तो तब घर बेठने लेकिन पुलिस कार्यवाही में आतंकी के मरने उसके घर सहानुभूति जताने जाकर देश कि पुलिस का अपमान करने वाले असली सांप्रदायिक हे, देश वासिओं को अत्याचारों से बचाने कि सोच रखने वाला संघ नहीं. 
    अदालत के फेसले ने यह साबित किया कि जिस ढांचे को गिराया गया वही जगह श्रीराम के जन्म कि सही जगह हे, इस बात ने साबित  कि वो ढांचा जिसे अपने को धरमनिरपेक्ष कहने वाले बाबरी मस्जिद कहते हे, को मंदिर तोड़ कर बनाया गया था. अतः; हिन्दुओं का उसे तोड़ना सही था, सदियों में ऐसा लगा कि हिन्दू समाज का स्वाभिमान कायरता का लबादा छोड़  कर जागा हे, पर अफ़सोस हे कि उसके बाद हिन्दू स्वाभिमान फिर से कायरता का  मोटा लबादा ओढ़ कर  सो गया हे, ए़सी बेहोसी कि नींद में कि कोई कितना ही मरो-पीटो, कुचालो ,लूटो जाग ही नहीं रहा हे.
     जनता सोचे समझे,  किसी के बहकावे में नहीं आकर अपने विवेक से निर्णय करे कोन सही हे, कोन गलत , आपको संघ द्वारा दी गयी खुशहाली चाहिए या कोंग्रेश कि लुट, संघ का दिया गया स्वाभिमान चाहिए या मुस्लिमो में नाम पर कांग्रेश का दिया अपमान , संघ व बाबा रामदेव  कि सोच वाला आर्थिक रूप से संपन्न भारत चाहिए या आजादी के बाद से ज्यादातर सत्ता में रही कोंग्रेश का दिया गरीब, सारी दुनिया में आर्थिक सहायता कि भीख मांगता भारत . क्या आप ऐसा भारत चाहते हे जिसका अथाह धन विदेशों में पड़ा रहे, सेंकडों टन अनाज सड़ता रहे, और जनता भूखी रहे, 
      आप सोचिये आप को कोंग्रेश कि धरमनिरपेक्षता(बिना धरम का ) चाहिए, या संघ कि धरम निष्ठता.  कांग्रेश ने भी यह माना हे इन सभी आन्दोलनों को  संघ का  समर्थन हे अतः वो ही रास्ट्रभक्त  संगठन हे, इन आन्दोलनों को सत्ता का दुरुपयोग कर रात में सोती हुयी निहथी जनता कि मार पिटाई कर कुचलने वाली उनकी पार्टी नहीं. 
 

सोमवार, 6 जून 2011

धरमनिरपेक्ष कांग्रेश की असली पहचान

आतंकवादिओं को ओसमाजी, रास्ट्रवादिओं को कहते ठग, 
दिग्विजय के रूप में दिखा, सोनिया कांग्रेश का असली रंग. (१)
पाकिस्तानी आतंकी कसाब का ,    करते स्वागत सत्कार
देशभक्त निर्दोष भारतीओं पर,    करते लाठी, गोली प्रहार,(२)
जो भारत पर हमला करे,    फांसी कि सजा हो बरक़रार 
उसे बचाने के जतन करे,        यह धरम निरपेक्ष सरकार.(३)
हिन्दू, सिख मरे तो चुप बेठे, मुस्लिम हो तो मातम करते, 
जनता मरे तो गयी भाड़ में,    आतंकियो के घर पर जाते.(४)
देश को लुटने वालों का यंहा ,  होता हे बहुत सन्मान, 
नहीं बताना चाहे सरकार ,    क्या हे उनकी पहचान. (५)
केसे बताएं कांग्रेश पार्टी, ज्यादातर हे उनके खास खास , 
इनका घिनोना रूप दिखे अगर, तो हो जाये पर्दाफास. (६)
अहंकार सत्ता का छाया , संविधान को दे तोड़- मरोड़, 
भ्रस्टाचरिओं को बचाने में ,   लगे हे देश को छोड़. (७)
विदेशी महारानी को दंडवत करे, होते हे नत मस्तक, 
भगवान बताओ कब देगी सदबुधि, इनके द्वार पर दस्तक. (८) 

 

रविवार, 5 जून 2011

क्या विदेशी बहु कहकहे लगा रही होगी, भारतीओं द्वारा भारतीओं पर अत्याचार करवाकर.



       आजादी के पहले के अंग्रेजो कि गुलामी के समय के बारे में सब लोग जानते हे, मुठी भर अंग्रेज भारतीओं पर भारतीओं द्वारा ही लाठी, गोली चलवाते थे, तमाम तरह के अत्याचार करवाते थे, जनता को भारतियो द्वारा ही मरवाकर कहकहे लगाते थे, कभी खुद भी अत्याचार करते थे, लेकिन भारतियो के सहयोग से, उस समय भी कई लालची और मक्कार लोग अपने स्वार्थ के लिए जनता पर क्रूर अत्याचार करते थे, अंग्रेजो को खुस करने, उनकी नजरो में रहने के लिए अपने ही देश वासिओ पर जुल्म करने में सदा तत्पर रहते थे, कांग्रेश पार्टी ऐसे  समय कि ही पैदावार हे, उस समय के कई कोंग्रेशी भी ऐसे  कामो में लगे थे जो जनता के सामने तो अंग्रेजों का विरोध करते थे, पर मन ही मन उनके समर्थक भी थे, वो विदेसिओं के राज में भी कोई बुराई नहीं समझते थे, 
       वेसी ही कुछ स्तिथि वर्तमान समय में दिख रही हे, कोंग्रेश पार्टी को विदेशी मूल कि बहु ने अपने में कब्जे में कर लिया हे, एक विदेशी मूल कि महिला को खुस करने में पूरी पार्टी वेसे ही लगी हे, जेसे अंग्रेजो को खुस करने में लालची मक्कार और देशद्रोही किस्म के लोग लगे रहते थे. अपनी विदेशी महरानी को बचाने ,उन्हें खुस करने लिए  अपने ही देश वासिओं पर अत्याचार करने के गुण शायद उन्हें अपने पूर्वजो से मिले हो,
 बाबा रामदेव के भ्रस्टाचार और कालाधन वापस लाने समन्धी आन्दोलन से शायद कोंग्रेश पार्टी के लोगो को, तथा हो सकता हे उनकी विदेशी मूल कि महरानी कि असलियत और उनका घिनोना चेहरा जनता के सामने आने का खतरा हो, तभी इस तरह का सोते हुए अनसन करते लोगो पर अचानक लाठी चार्ज करने जसी बर्बर कार्यवाही जैसा  कदम महारानी को खुस करने,  उनके इशारे पर लिया गया, इस कार्यवाही को जिसमे  भारतियो द्वारा भारतीओं पर विदेशी को खुस करने के  या बचाने के लिए अत्याचार किया गया, विदेशी महारानी कितनी  खुस हुयी होगी इसकी एक झलक तब दिखी जब विदेशी महारानी के सबसे करीबी साथी दिग्विजय सिंह जनता पर किये गए बर्बर अत्याचार के बाद बेहद कुटिल और मक्कारी से इस कार्यवाही को सही बता रहे थे. उनकी कुटिल मुस्कान से लग रहा था कि महारानी कितने कहकहे लगा रही होगी. 
    वहां कि कुछ महिलाये कह रही थी,कि जिस पार्टी कि प्रमुख  महिला हो वो पार्टी ऐसा अत्याचार केसे कर सकती हे,  पर शायद वो महिला यह नहीं जानती कि वो भारतीय  महिला नहीं विदेशी महिला हे, उस में भारतीय  संस्कृति नहीं हे, विदेशी मानसिकता वाली महिला भारतीय महिलाओं जैसी नहीं हो सकती, वो विदेसियो को खुस करने के लिए देशवासिओं पर अत्याचार करने कि मानसिकता वाले दिग्विजय सिंह जैसे लोगो द्वारा कुछ भी करवा सकती हे,  
     हमारा कर्त्तव्य हे ऐसे लोगो के खिलाफ संगठित हो कर इन्हें सबक सिखाये, फिर से देश में भारतीयता लाये, देश को लुटाने वाले चेहरों  पर से सराफत का नकाब हटायें, सोचिये.