रविवार, 22 नवंबर 2009
राहुल भट्ट खुशकिस्मत हे , वह हिंदूवादी संगठन का सदस्य नही हे.
गुरुवार, 12 नवंबर 2009
फूट डालों राज करो की निति में कांग्रेश सफल.
गुरुवार, 1 अक्तूबर 2009
नरेन्द्रमोदी-अंगद के पैर की तरह अडिग विकाश पुरूष.
को मुठभेड़ में (चाहे फर्जी हो या असली )मरने को नरेन्द्रमोदी की आलोचना का महीनों भर मुद्दा बनाया , अभी भी मोदीजी की आलोचना के किसी भी छोटे से मुद्दे को बहुत बढा चढा कर पेश करने को सोहराबुदीन मुद्दे को घसीट लाते हें. अभी कुछ महीनों पहले आँध्रप्रदेश में तीन लड़कों ने एक लड़की को तेजाब डाल कर जला दिया था, वो लडके अपराधी प्रवर्ती के नहीं थे, जेसा की सोहराबुदीन था, अतः आसानी से पुलिस की पकड़ में आगये, पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर सवंदाताओं के सामने पेश किया , अगले दिन वो सभी लडके पुलिस मुठभेड़ में मार दिए गए, पुलिस ने कहानी बताई की वो तेजाब व् पिस्टल से पुलिस पर हमला कर के भाग रहे थे, पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली चलाई और उन्हें मुठभेड़ में मर गिराया. ताज्जुब की बात थी कि पुलिस कि गिरफ्त में आये लड़को के पास तेजाब और पिस्टल कंहा से आगये, ऐसा नहीं हे अन्होने अपराध नहीं किया , उन्हें सजा भी मिलनी चाहिए थी, में यंहा पर सिर्फ समाचार चेनलों के दोगलेपन को उजागर करना चाहता हूँ, अपनेआप को महाज्ञानी समझने का भरम पाले समाचार चेनलों के संवाददाता, व एंकर जिन्होंने सोहराबुदीन जेसे अपराधी के मरने पर नरेन्द्रमोदी व् गुजरात कि बीजेपी सरकार कि आलोचना के लिए कई कई दिनों तक बड़े बड़े प्रोग्राम बनाये थे, आँध्रप्रदेश कि पुलिस द्वारा तीन लड़को को मुठभेड़ मर गिराने को एक मामूली घटना कि तरह बहुत छोटे से समाचार कि तरह बताकर हमेशा के लिए समाप्त कर दिया, कई चेनलो ने तो यह खबर दिखाने कि भी जरुरत नहीं समझी , किसी ने भी पुलिस या सरकार से यह नहीं पूछा कि गिरफ्तार लड़को के पास तेजाब और पिस्टल कंहा से आगये कि उन्होंने पुलिस पर हमला कर दिया. शायद समाचार चेनलों के लिए यह कोई खबर नहीं थी , क्यों कि न तो मरने वाले मुस्लिम थे, और न ही वंहा नरेन्द्रमोदी या अन्य कोई भाजपा कि सरकार. यही हे समाचार चेनलों का दोगला व घिनोना चेहरा. नरेंद्र मोदी कि ए़सी ही जहरीली आलोचना चेनलों ने इशरत जन्हा मुठभेड़ के लिए (एक जाँच आयोग द्वारा जिसने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जल्दीबाजी में रिपोर्ट देकर मुठभेड़ को फर्जी बताया )की. सही या गलत मोदी की आलोचना के एकमात्र कार्य के लिए जीने वाले लोगो को बुलाकर नए नए प्रोग्राम बनाकर तबतक मोदीजी की आलोचना करते रहे जब तक गुजरात हाइकोर्ट ने रिपोर्ट देने वाले को फटकार नहीं लगाकर रिपोर्ट पर रोक नहीं लगादी तथा गुजरात सरकार ने भारत सरकार की वह रिपोर्ट नहीं पेश कर दी जिसमे इशरत को आतंकी संगठन का सदस्य बताया था. झूठी आलोचना की पोल खुलने पर तथा मोदीजी को बदनाम करने की चाल उपचुनाओं में मोदीजी की जीत से नाकाम होने पर इशरत जन्हा समाचारों से गायब हो गई '
नरेन्द्रमोदी का पैर उखाड़ने की कोसिस में कांग्रेश पार्टी भी पूरी ताकत से लगी हे. कभी वह उनको मोत का सोदागर बताती हे, कभी उनकी सरकार को आदमखोर सरकार._ सिख्नो के नरसंहार तथा अपने शासन में हुए अनेकों दंगों में अपने हाथ लाल करने वाली कांग्रेश पार्टी सोचती हे कि वह गुजरात दंगो के लिए मोदीजी कि आलोचना कर मिडिया वालो , अपनेआप को धर्मनिरपेक्ष कहने वाले मुस्लिम परस्त नेताओं , मानवाधिकार के नाम पर आतंकियों कि आवाज बने कार्य कर्ताओं कि तरह गुजरात कि जनता को भी बेवकूफ बना देगी , तथा गुजरात कि जनता चुनाव में उन्हें जीता देगी. गुजरात कि ज्यादातर जनता पढीलिखी समझदार हे, वह सच्चाई तथा झूठ व मक्कारी में फर्क करना जानती हें, गुजरात में जमीनी रूप में हुए वास्तविक विकाश तथा कांग्रेश के शासन में विकाश के झूटे दावो , नेताओं के बड़बोले पन , आम जनता के धन से शाही मजे, कमरतोड़ मंहगाई से पिसती जनता को राहत तथा किसानों को आत्महत्या करने से रोक पाने में नाकामी, गुजरात कि जनता आसानी से देख भी सकती हे, समझ भी सकती हे. गुजरात कि जनता ने समाचार चेनलों कि तरह अपनी आँखों पर ए़सी पट्टी नहीं बांध रखी जिससे गुजरात का विकाश दिखाई ही न दे, और न ही उन्ही कि तरह इतनी मुर्ख हे, न ही चाटुकार कि देश कि जनता को किसी भी तरह कि राहत देने , जनता से किये वादों को पूरा करने में नाकाम रहने से जनता का ध्यान हटाने के लिए हाथी के बराबर खर्चों से चूहे के बराबर खर्चे घटाने कि नोटंकी को कांग्रेश कि महारानी के अथाह महान त्याग कि तरह बार बार पेश करने से प्रभावित हो. हाँ समाचार चेनलों के लिए यह अपनेआप को महारानी के उनकी पार्टी के नेताओं से बड़ा चाटुकार साबित करने का जरिए हो सकता हें. तभी तो समाचार चेनल मोदीजी के विकाश कार्यों को भारत कीजनता को बताने के लिए कोई समाचार या प्रोग्राम बनाने के बजाय कांग्रेस के युवराज के चार,छह महीनो में कभी कभार किसी गरीब आदमी जो बेचारा बहुत मुश्किल से दो टाइम के खाने का जुगाड़ कर पाता हे , के घर रात बिताने तथा खाना खाने को इतने महान त्याग की तरह प्रस्तुत करता हे मानो महात्मा गाँधी का देश के लिए किया त्याग भी बोना लगे. या मानो भगवान ने गरीब की झोंपडी में रात बिताकर, खाना खा कर उस गरीब की जीवन भर की गरीबी दूर कर दी हो. कोई सवाददाता उन्हें यह नहीं पूछता की किसी भूखे गरीब का भला उसकी भूख मिटाने का उपाय करने से होगा न कि मुस्किल से हासिल कि गयी उसकी रोटी खा जाने से. कोई उनसे यह भी नहीं पूछता कि उनको रात बिताने के अलावा कभी बढती मंहगाई पर नियंत्रण के भी कोई उपाय करने का विचार भी उनके मन में आता हे. ---- मोदीजी कि आलोचना में अपनेआप को धर्मनिरपेक्ष (धरम विहीन ) कहने वाले सभी दल व नेता भी बढ़ चढ़ कर बोलते रहते हे, जनता को राहत व प्रदेश के विकाश में भले पूरी तरह नाकाम हो, गुजरात के मुकाबले उनका प्रदेश भले पिछड़ता जाये, पर मोदी की आलोचना व साम्प्रदायिकता का बेसुरा राग अलापना नहीं छोडेंगे, अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए, जनता की भूख, व गरीबी मिटाने से ज्यादा बड़ा मुद्दा साम्प्रदायिकता (मुस्लिमपरस्ती) मानने वाले नेता अपने सभी हथकंडो का प्रयोग करके भी कर्मठता, असीम धर्य, अपने ऊपर चिल्लाते रहने वालों को चुपचाप रह अपने विकाश कार्यों से जबाब देने वाले नरेंदर मोदी का कुछ बिगाड़ नहीं पाए. क्योंकि सच्चाई बनावटी बातों से नहीं मिटाई जासकती. ----
शुक्रवार, 22 मई 2009
समाचार चेनल - महारानी के नए चाटुकार
रविवार, 26 अप्रैल 2009
कोनहे असली सांप्रदायिक ताकतें.
सोमवार, 20 अप्रैल 2009
महारानीजी को राम याद आए
शुक्रवार, 17 अप्रैल 2009
कब जागेगा हिंदू स्वाभिमान
मंगलवार, 14 अप्रैल 2009
कमजोर प्रधानमंत्री की विसेस्ताए
रविवार, 12 अप्रैल 2009
मेरे विचार
आजकल कांग्रेस पार्टी बीजेपी पर आतंकवाद पर जो आरोप लगा रही हें उसमें कंधार विमान अपहरण कांड प्रमुख हँ, उस विमान में सेंकरोंयात्री थे तथा विमान अफगानिस्थान में था तालिबानी आतंकवादियों का राज था । विमानयात्रियोंके परिवार वालों तथा कांग्रेस सहित अन्य लोगों के दबाव तथा समाचार chenalokiजबरदस्त आलोचना से सरकार ने देस वासियों की जानबचाने के लिए जसवंत सिंघजी को आतंकवादियों के साथ भेजा ताकि यात्रियों की सकुशल वापसी होसके क्योंकि तालिबानियों पर भरोसा नहीं किया जा सकता था की वो आतंकवादियों के मिलनेपर भी यात्रिओं को कुछ नुकसान नहीं पहुंचाएंगे ।
यह सरकार का उचित निर्णय था । कितने शर्म की बात हें की कांग्रेस पार्टी आज इसके लिए बीजेपी की आलोचना कर रही हें .शायद यह उसकी मुस्लिम परस्त सोच हें क्योंकि विमान में ज्यादातर यात्री हिंदू थें ,क्या उस विमान में सारेयात्री मुस्लिम होते तोभी कांग्रेस पार्टी इस निर्णय की आलोचना करती ,कभी नही क्योंकि हमारे प्रधानमंत्रीजी को नींद तभी नहीं आती जब कोई मुस्लिम तकलीफ में होता हें ,जब हिन्दुओं को तकलीफ हो तो हमारे प्रधानमंत्रीजी आराम की नींद सोते हें । जिस मुफ्ती मोहम्मद सायेदकी बेटी के लिए पॉँचआतंकवादियों को छोरा गया था उनके साथ मिलकर सत्तासुख भोगने में कांग्रेस को शर्म नहीं आई ,क्या यंहा आतंकवादियों को छोरना गलत नहीं था .वो भी उस आदमी के साथ जो आतंकवादियों के साथ नरम् रुख अपनाना चाहता था। यह कांग्रेस की बेईमान आलोचना हें॥ दूसरी आलोचना बाबरी मस्जिद गिराने की हें ,इसमें कांग्रेस की मुस्लिमपरस्त तथा हिंदू विरोधी मानसिकता साफ झलकती हें ,अपने को धर्मनिरपेक्ष कहने वाली यह मुस्लिमपरस्त पार्टी महात्मागांधी के आदर्शों पर चलने की बात तो करती हें परन्तु उन्ही गांधीजी के आदर्श पुरूष भगवान राम का अपमान करती हें ,वह राममंदिर को तोरकर मस्जिद बनाना चाहती हें रामसेतु तोरने वालों का साथ देने के लिए राम के होने को ही नकारती हें ताकि अपनी सरकार बची रहे । धरमनिर्पेक्षता का अर्थ हें धरम विहीनता ,यानि बिना धर्म की पार्टी ,इस हिसाब से कांग्रेस को अपने आप को धर्म निरपेक्ष कहना ठीक हें ,अपने कार्यों से इसे मुस्लिम परस्त पार्टी कहना चाहिए ,क्योंकि सुप्रीम कोर्ट से फांसी की सजा पाए आतंकवादी को केवल इसलिए बचाती हें क्योंकि वह मुस्लिम हें । क्या यह सांप्रदायिक या मुस्लिम परस्त होना नहीं हें ,सोचें ,विचार करें ,क्या आपको ऐसा प्रधानमंत्री चाहिए जो देश के संसाधनों पर पहला हक़ मुस्लिमों को दे फ़िर जो बचे वो हिन्दुओं के लिए हो ,यानि देश का पानी पहले मुस्लिमों को मिलने के बाद हिन्दुओं को मिलेगा ,राशन का अनाज ,गैस ,केरोसिन पहले मुस्लिमों को मिलने के बाद बचा हुवाहिन्दुओं में वितरित किया जाएगा ,ज्यादातर कांग्रेस शाशित प्रदेशों में बिजली की बहुत कमी हें ,क्या कांग्रेस की सरकार बनी तो हिंदू तथा मुस्लिम के अलग मोहले बनाकर मुस्लिमों को पुरी बिजली देने के बाद बचने पर हिंदू मोहलों में बिजली देगी .गंभीरता से सोचें ,अपनीं तथा अपने आत्मा सन्मान के लिए सही सरकार का चुनाव करें।
रविवार, 5 अप्रैल 2009
आजकल देश में बीजेपी तथा कुछ हिंदूवादी दलों के अलावा लगभग सभी दल धर्मनिरपेक्षता की बहुत बातें कर रहें हँ। धर्मनिरपेक्षता का अर्थ हें धर्म विहीनता । क्यों ये सभी दल देश को धर्म विहीन बनाना चाहतें हें । ताजुब की तथा बेहद शर्म की बात ह की जिन महात्मा गाँधी ने भारत में रामराज्य लानें का सपना देखा था उनके आदर्शों पर चलने की बातें करनें वाली कांग्रेस पार्टी भी देश को धर्मविहीन बनाना चाहती हें .चुनाओं में ही कांग्रेस को गाँधी यादआतेहें परन्तुं जीवनभर राम को अपना आदर्श मानने वाले राम से कांग्रेस नफरत करतीहें । वह राम मन्दिर का विरोध करती हें ,राम जन्मभूमि पर मन्दिर की जगह मस्जिद बनाना चाहती हें ,रामसेतु को टूटने से बचाने की बजाय तोरने वालों का साथ देने के लिए राम के होने को ही नकारती हें । यह देश का केसा दुर्भाग्य ह की सत्ता के लालच में कांग्रेस तथा दुसरे कुछ दल एक एसे देश को धर्म विहीन बना देना चाहतें हें जो सर्व धर्म सदभाव की मिशाल हें । यह देश के लिए बहुत घातकहें । क्या ये दल देश का मुस्लिमिकरण करना चाहतें हें .ये दल चीख चीख कर बीजेपी को सांप्रदायिक दल तथा अपने को धर्मनिरपेक्ष कहतें हें .इन दलों ने देश में ऐसा माहोल बना दिया हें जेसे कोई भी व्यक्ति ,दल ,संस्था अगर हिंदू हितों की बात करतें हें ये दल हिंदू विरोधी मानसिकता वाले कुछ समाचार पत्रों तथा चैनल बहुत र सहयोग से कुछ एक भी करने में अपनी पुरी ताकत लगा देतें हें । क्या मुस्लिम परस्ती ही धरमनिर्पेक्षता हें । kya kya