बुधवार, 6 नवंबर 2013

युवराज का गुस्सा


\आज युवराज बहुत गुस्से में है,चेहरा तमतमा रहा है,बारबार बांहें चढ़ा रहें है,बांहे हर बार फिर निचे उतर आती है,शायद युवराज भी ऐसा ही चाहतें है,चहरे में इतनी भावशुन्यता है की प्रचंड गुस्से के बाद भी किसी को समझ नहीं आरहा है कि युवराज गुस्से में है,इसलिए बारबार बाहें चढ़ाकर युवराज सबको अपने जबरदस्त गुस्से में होने का आभास दिला रहें है,युवराज के आसपास उनके वजीर बहुत सहमे हुए है,किसी के मुंह से बोल नहीं निकल रहे है,सब युवराज के गुस्से के कारण का अनुमान लगाने में अपनी पूरी समझ झोंक दे रहे है,एकबार पहले भी युवराज दुसरे पक्ष के लकिन अपने समर्थक दल के प्रमुख की किसी बात पर सार्वजनिक सभा में अपने गुस्से का प्रकटन किया था,जब जनता उनके भावशुन्य चहरे से यह समझ नहीं पाई की उनको गुस्सा आरहा है,तब उन्होंने ऐसे ही बाहे चढ़ा कर तथा जिस बात पर गुस्सा था उस पेपर को फाड़ कर जनता में यह साबित किया था कि जनता यह माने की उन्हें गुस्सा आरहा है, पर अब के गुस्से को उनके चारण रूपी वजीर समझ नहीं पा रहे थ इस बार न तो उनके किसी समर्थक दल ने तथा न विरोधी दल ने ऐसा कोई काम किया था की उनको गुस्सा आये,उनके प्रमुख वजीर तो अपनी सरकार को कमजोर मान विदेशी सरकार के मुखिया से उनकी मनमानी शर्तों पर अपनी घुटने टेकू प्रवृति के अनुसार कुछ मांगने गए थे। देश में उनके दुसरे वजीर तो यह जानते थे,की उनके दल के चाहे कोई छोटे टटपूंजीये नेता हो या बड़े वजीर उनके देश की जनता को लुटने वाले कांड हो या सरकारी धन या जमीन हड़पने की बात युवराज को कभी गुस्सा नहीं आया। उनके वजीर यह भी जानते है की युवराज को तब भी कभी गुस्सा नहीं आया जब उनकी पार्टी के लोगो ने सहयोगी पार्टी के लोगो के साथ देश के खजाने की लूट की थी,उनके प्रमुख वजीर के कार्यकाल में जब देश के प्रमुख संसाधन कोयला की जम कर लूट हुयी थी,युवराज को तब भी गुस्सा नहीं आया  था जब उनके जीजाजी ने बहुत कम समय में बड़े हेरान करने वाले तरीके से अरबों की दोलत जमा कर की थी, सहमे से दिख रहे युवराज के वजीर गंभीरता से चिंतन करके भी युवराज के गुस्से का कारण समझ नहीं पा  रहे थे, युवराज को तब भी गुस्सा नहीं आया था जब पडोसी देश के भेजे आतंकवादियों ने  हमारे देश के प्रमुख शहर में कत्लेआम मचा दिया था,युवराज को गुस्सा तब भी नहीं आया था जब उसी देश के सैनिकों ने हमारे देश के सेनिकों को मार कर उनका सर काट अपने साथ ले गए ,उसके बाद भी धोके से हमला कर हमारे सेनिकों को मार दिया ,हमारे देश में घुसपेट की तब भी युवराज को गुस्सा नहीं आया,उन्होंने न उसदेश के प्रति अपना गुस्सा दिखाया ,न अपने सेनिकों के प्रति कोई संवेदना ,न अपने प्रमुख वजीर को उनको सबक सिखाने को प्रेरित किया ,न उनसे बातचीत करने को रोका ,बल्कि तब भी गुस्सा नहीं किया जब उसदेश के वजीरो की हमारे देश के वजीर शानदार दावत देकर मेहमान नवाजी का फर्ज निभा रहे थे,देश के सेनिकों व देश की जनता के प्रति उनका क्या फर्ज है उनको मालूम न हो ऐसा तो नही होगा,पर शायद देश की जनता को धोका देना ही उनका फर्ज है सब वजीर मानते है,पर युवराज को गुस्सा नहीं आया। 
  काफी सोचने के बाद भी युवराज के गुस्से का कारण किसी को समझ नहीं आरहा था, वो जानते थे युवराज को गुस्सा तब भी नहीं आया  जब एक दूसरे पडोसी की सेना जब मन हो कई कई किलोमीटर हमारे देश की सीमा में घुस आयी थी,,अपने टेन्ट गाड कई दिनों तक पड़ी रही ,अपने बेनर लगा कर वो क्षेत्र उनका बताकर हमें वो जगह खाली कर जाने को धमकाती है, कायर रक्षा मंत्री जनता को मुर्ख मान ज्यादा चिंतित नहीं होने की बात कहते है,इस घुस्पेट को मामूली मान सेनिको को हाथ बांध लाचारी की भूमिका में लादेतें है,बेशर्मी या कायरता की हद कि उस देश का आदेश मान  अपने ही सेनिकों को अपनी सरजमीं से पीछे हटने का आदेश देते है, युवराज को कभी गुस्सा करते नहीं देखा। 
  युवराज का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा था,बारबार बाहें चढाने की गति बढती जा रही थी,किसी को कुछ समझ नहीं आरहा था,सब जानते थे की युवराज को तब भी गुस्सा नहीं आया था जब उनकी पार्टी ने अपने सहयोगी दलों के सहयोग से अपराधियों को चुनाव लड़कर देश के सभी  राज्यों के सरकारी वजीर बनने का रास्ता साफ करने का कानून बनाया था,जब देश की सबसे बड़ी अदालत ने अपराध की सजा पाए लोगो को चुनाव लड़ने से रोकने का कानून बनाया था,तब युवराज की पार्टी के लोगो ने सजायाप्ता लोगों के प्रति  अपना विशेस प्रेम दिखाते हुए उनके मंत्रिपद को बचाने,सबसे बड़ी अदालत के निर्णय को समाप्त करने,अदालत के निर्णय के ऊपर अपना मनमाना निर्णय थोपनेअध्यादेश लाया था,तब भी युवराज को गुस्सा नहीं आया।  
 तभी अचानक गुस्से में तमतमाते युवराज जब  उनकी पार्टी के लोग समाचार चेनलों के युवराज के गुणगाता अपने मित्रो को कुछ बता रहे थे अचानक प्रकट हुए ऒर लगभग पूरी बाहें चढ़ा,चहरे पर जबरदस्ती से गुस्से के भाव ला उनकी पार्टी के, उनकी जानकारी में लाये,उनके प्रमुख वजीर की अवमानना कर उस अध्यादेश को बकवास बताया ,उसे फाड़ कर कचरे के डब्बे में फेंकने को कहा, अब सबको उनके गुस्से का कारण समझ आया ,देश के राष्ट्र प्रमुख ने  उस अध्यादेश को गलत मान  दस्तख़त करने से इंकार कर युवराज के कुछ वजीरों से सवाल किये थे, युवराज का गुस्सा वाजिब था जिस राष्ट्र प्रमुख को उनकी ही पार्टी ने बनाया था,कुछ समय पहले  तक वो ही व्यक्ति युवराज के सामने नतमस्तक होकर युवराज की हर आज्ञा को मानने में गर्व महसूस करता था ,युवराज का आदेश मानना अपना सोभाग्य मानता था,आज वही व्यक्ति महारानी व युवराज की जानकारी व सहमती से बनाये अध्यादेश पर हस्ताक्षर करने को मना कर रहा था,उसके वजीरों को बुला सवाल कर रहा था।  युवराज के वफादार वजीरों ने युवराज को इस बेइज्जती को अपने पक्ष में जनता का हिमायती साबित करने का रास्ता बताया ,अध्यादेश को बकवास बता कचरे में फेंकने लायक बताने की सलाह दी,युवराज ने वैसा ही किया,युवराज के वफादार कुछ समाचार चेनलों ने भी अपनी वफ़ादारी साबित करने का पूरा प्रयास किया , सरकार द्वारा अध्यादेश वापिस लेने श्रेय राष्ट्र प्रमुख या विरोधी पक्ष के विरोध को नहीं बल्कि युवराज को  होने का जबरदस्त प्रचार किया ,जनता को हमेशा की तरह फिर से  नासमझ मानने की अपनी पुरानी आदत का नमूना पेश किया।  


मंगलवार, 9 जुलाई 2013

कांग्रेश के भोंकू झुण्ड के नक़्शे कदम पर नितीश कुमार


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महा आतंकवादी ओसामा लादेन जी के परम भक्त, मुस्लिम आतंकवादिओं के परम हितेशी कांग्रेश की भोंकू झुण्ड के चेयर पर्सन के नेतृत्व में भोंकू झुण्ड के सभी सदस्य एक बार फिर से  विकाश मार्ग पर अनवरत गतिमान नरेंदर मोदी नामक हाथी के पीछे बेहद कर्कश स्वर में भोंकना सुरु कर दिया हे, विशेष बात यह हे कि इस बार इस कार्य में नितीश कुमार भी बुलंद स्वर में अपनी आवाज मिला रहें हे, भोंकू झुण्ड के चेयरपर्सन किसी भी आतंकवादी घटना  पर जब शक मुस्लिम संघटनो पर जाता हे, तब तो जाँच पूरी होने तक मुस्लिम संघटनो पर शक नहीं करने की बात कह कर आतंकवादी मुस्लिम संघटनो के प्रति अपनी व अपनी पार्टी की वफ़ादारी साबित करते हे, पर वंही नरेन्द्र मोदी या भाजपा पर बेहद घटिया स्तर  पर जाकर बकवास व शर्मनाक आरोप संभावना के रूप में  लगाने के लिए किसी भी जाँच के  पूरी होने की बात तो दूर शुरू होने का इंतजार भी नहीं करते। पता नहीं कितने हिन्दू विरोधी तथा हिन्दूओं का कत्लेआम करने वाले मुस्लिम आक्रान्ताओं,दरिन्दों की आत्मा इनमे घुस गयी हे, कि हिन्दुओं की मोत   या उनके पूजा,उपासना स्थलों की बर्बादी पर भी ये कुटिलता से  मुस्कराकर मुस्लिम आतंकवादिओं के सरंक्षण व राजनेतिक स्वार्थ के लिए आतंकवादी घटना के लिए विपक्षी पार्टी के प्रमुख लोगो से जोड़ने का निंदनीय कार्य करते हे. 
   भोंकू झुण्ड के चेयरपर्सन व उनके झुण्ड के दुसरे सदस्य तो खेर विकृत मानसिकता के विक्षिप्त लोग हे, हालाँकि समाचार चेनलों के वो सर्वाधिक चहेते हे, महाबोधि मंदिर के आतंकी हमले के बाद  उनके गेरज़िम्मेदारान बयान के बाद जहाँ कुछ चेनल उनकी आलोचना कर रहे थे , एक चेनल के संवाददाता  हँसते हँसते मजेदार माहोल बनाकर उनके गेर जिम्मेदार कृत्य पर उनसे सवाल जबाब कर उन्हें सही साबित करने में अपना श्रम लगारहा था या मालिक के प्रति अपनी वफ़ादारी निभा रहा था ,कह नहीं सकते .
   जबसे नितीश कुमार कोंग्रेश से मुस्लिम परस्ती के नए नए गुर सिख रहे हे, मुस्लिम आतंकवाद पर इनके चहरे पर चिंता या फ़िक्र के कोई भाव नहीं आते, बल्कि इस अवसर को भी वे कान्ग्रेसिओं की तरह विरोधी पक्ष के नेताओं की आलोचना कर अपने को बड़ा  मुस्लिम परस्त साबित करने के लिए इस्तेमाल करते हे. यहाँ भी इस अवसर का इस्तेमाल नितीश ने मुस्लिम आतंकवाद का विरोध करने के बजाय मोदी जी का विरोध करने के लिए किया .कितनी कुटिलता से हिन्दुओं के प्रति अपनी जिम्मेदारी से भागते हुए उन्होंने कह दिया की ब्लास्ट को रोक नहीं सकते, यानि हिन्दुओं को अपने हालात पर छोड़ दिया चाहे मरे या जिए ,अगर फिर कोई घटना हो तो उनका कोई दोष नहीं होगा .हा अगर किसी घटना में मुस्लिम मरता तब उनकी आत्मा जरुर रोती,जेसे कोंग्रेसिओं की रोती हे, तभी वो मुस्लिम आतंकवादिओं के मरने पर उनके घर जाकर  विलाप करते हे, ओसामा जी कह  उनका  सन्मान करते हे, 
  नितीश जी ने फरमाया की आदमी की जबान नहीं काम  बोलता हे, एक विवादस्पद व्यक्ति के कारण पुराना साथ छोड़ना पडा , सही बोला  आप  आजकल टी वी पर कुटिलता से मुस्कराते चहरे के साथ खूब बोलते हे,जब से भाजपा से विश्वासघात कर उनका साथ छोड़ा हे टीवी पर आप ही बोलते दिखे हे नरेन्द्र मोदी के लिए खूब जहर उगल रहें, नरेन्द्र मोदी को कभी आपके लिए बोलते नहीं सुना,सज्जन आदमी की अपनी मर्यादा होती हे,  भाजपा के सहयोग से किये बिहार के विकाश कार्य का अकले श्रेय लेने आपकी जुबान खूब बोल रही हे, जबकि नरेन्द्र मोदी के विकाश की बात वो खुद ही   नहीं,बल्कि   पुरे देश की जनता खूब कर  रही हे. जिस व्यक्ति को आप विवादास्पद कह रहे हे, P M पद के लिए वो सर्वाधिक  जनता की पसंद हे, उनके सामने आप दूर दूर तक नजर नहीं आते हे, हाँ पक्षपाती चेनल आपको उनके विरुद्ध जहर उगलने का पूरा मोका देते  हे.  
  आपने कहा की आप की पकड़ आसमान पर नहीं हे, हो भी नहीं सकती,मुस्लिम परस्ती से आगे जिनकी सोच ही नहीं जाती हो, वो विकाश की आशमानी ऊंचाई कहाँ पा सकते हे, वो तो वो ही पा सकते  हे, जिनकी ऊँची  व सबके लिए समानता की सोच हो , वो जमीन से जुड़े रहकर भी आशमान पर अपनी पकड़ रख सकते हे. सत्ता के लिए आपकी छटपटाहट भी इतनी निचले स्तर की हे, की जिनकी बदोलत मुख्यमंत्री बने उस सच्चे दोस्त के साथ दगाबाजी करने में भी शर्म नहीं आई, कुछ दिन पूर्व आपने कहा था की भाजपा से अलग होने के दो दिन में हमने विश्वास मत पा लिया , क्यों नहीं पाते , आप कोंगरेश से विश्वास मत पाने  के तरीके सिख रहे थे, केसे लालच देकर,खरीद कर, धमका कर कांग्रेस विश्वास मत हासिल करती हे, आप सिख गए हे, केसे जिसको जीवन भर कोसा,जिनके विरोध की राजनीती कर इतना बड़ा मुकाम हासिल किया ,अपने स्वार्थ के लिए दोस्तों से गद्दारी कर केसे उनकी गोद में बैठते हे जनता को आपने दिखाया हे. 
   भगवान से प्रार्थना हे  देश को आप जेसे दगाबाजों ,मोका परस्तों से बचाये .      

सोमवार, 24 जून 2013

कांग्रेस के भोंकू झुण्ड का हमला

आज महा आतंकवादी ओसामा लादेन जी के परम भक्त, मुस्लिम आतंकवादिओं के परम हितेषी कांग्रेस के भोंकू झुण्ड के चेयरपर्सन के नेतृत्व में कांग्रेस के भोंकू झुण्ड के सभी सदस्य नरेन्द्र मोदी नामक हाथी जो बिना चीखे चिल्लाये विकाश मार्ग पर अनवरत चल रहा हे, के पीछे ऊँचे सुर में भोंकना सुरु कर दिया हे, इसी तरह की आदत वाले कुछ समाचार चेनलों के संवाददाता भी इस कार्य में अपना भी  सुर मिलाते  हुए उनके भोंकने को  बढ़िया कवरेज देकर निरंतर प्रसारित कर रहे हे, दरअसल जबसे नरेन्द्र मोदी ने केदारनाथ में आई भयंकर विपदा व तबाही से बर्बाद हुए महान मन्दिर में पुनरुधार करने की पेशकस की हे , भोंकू झुण्ड के सदस्यों के पेट में मरोड़ मचनी सुरु हो गयी हे, जो खुद हर क्षेत्र में नाकारा साबित हुए हो उन्हें दूसरो की सफलता पचती नहीं हे, अपनी नाकामियों को (जेसा की उनकी पार्टी के मुख्यमंत्री  की नाकामी  इस विपदा का सही ढंग से निपटने में नजर आई,) छिपाने के लिए सफल व्यक्ति पर भोंकना ही इनका तरीका हे, मिडिया का पुरा पुरा सहयोग तो इनको मिलता ही हे, या यों भी कह सकते हे, भोंकू झुण्ड व पक्षपाती मिडिया का यह एक सयुक्त अभियान हे. 
   इस  भोंकू झुण्ड के सदस्यों ने सोचा की उनकी महारानी व उनके आज्ञापलक मुख्य वजीर ने अपने आलिशान विमान में बेठ कर तबाही के भयंकर मंजर व उसकी  की शिकार जनता को 15 -20  हजार फिट की ऊंचाई से देख कर जनता के दुःख दर्द दूर कर दिए हे , अब किसी को वहां जाने की जरुरत नहीं हे, तबाही के शिकार लोग महारानी के गुणगान कर अपना दर्द भूल जायेंगे , लेकिन जब नरेन्द्र मोदी ने वहां जाकर लोगो के दुःख दर्द को देखा सुना और मंदिर व केदारनाथ परिसर के पुनारुधार की पेशकस की तो इनके व इनके मिडिया सहयोगिओं की छाती पर सांप लोटने सुरु हो गए, 
विपक्षी दल का इस भयंकर विपदा में  एक P M के होते हुए भी युवराज को ही P M मानने वाले  इनके युवराज के देश में आकर प्रभावित लोगो के दुखदर्द में शामिल होने के बजाय   विदेश में मोज मस्ती करते रहने के लिए सवाल पूछने पर भोंकू झुण्ड के सदस्य जोरदार भड़के हुए हें, इनका मानना हे की उनके युवराज तो भगवान से भी ज्यादा महान  हे, वो तो विदेश में बैठकर अपना आशीर्वाद देकर जनता के दुःख दर्द दूर कर देंगे, अभी कुछ दिन पूर्व ही युवराज के परम कृपा पात्र वजीर जब देश में नक्सल आतंकवादिओं के हमले में इनकी पार्टी के बड़े नेता मारे  गए थे तब भी विदेश में ही रहे क्योंकि इनको वहां तीन दिन बाद आँखों का चेकअप करना था , महान लोगो का चेकअप देश के साधारण डाक्टर केसे  कर सकते थे, देश की  मामूली जनता मरे तो मरे. 
  यह भी संभव हे की पार्टी के नेताओ ने  अपने युवराज को खबर देना ही जरुरी नहीं समझा हो , गरीब देश वासिओं के दुःख दर्द व तबाही जेसे मामूली कार्य के लिए युवराज की मोजमस्ती में खलल डालना इन्हें अनुचित लगा होगा, या युवराज को एसा बताकर उनको नाराज करना नहीं चाहते हो, युवराज की चापलूसी कर उनकी नज़रों में चढ़ना ही तो इनका प्रमुख कार्य हे ,इसी की आदत पद चुकी हे.  देश में काला धन बहुत हे , यह भी संभव हे की युवराज मोजमस्ती के लिए नहीं , किसी महत्वपूर्ण कार्य के लिए गए हो, इसलिए इस समय युवराज को जनता के दुःख दर्द की बात कहना भोंकू झुण्ड के लोगो को अपने राजनेतिक जीवन के लिए खतरा लगता हो,  सभी को सोचना हे.   

बुधवार, 15 मई 2013

महारानी जी के बली के बकरे

महारानी जी बड़ी भाग्यशाली हे, उनकी व राजकुमार की  तमाम नाकामियों ,बदनामियों तथा उनपर, उनके परिवार या उनकी पार्टी  पर अनवरत लगते जा रहे  भ्रस्टाचार के आरोपों से तारतार व दागदार  होती जा रही छवि से उनको ,राजकुमार को बचाने नए बलि के बकरे ढूंढ़ कर उनकी बलि चढ़ाकर महारानी जी की छवि चमकाने के प्रयास जोर शोर से चालू हे, महारानी जी को कुछ बोलने की जरुरत ही नहीं हे, उनके चरणों में लुटने को तैयार बेठे चारण टाइप पार्टी के नेता, अयोग्य होते हुए भी उनके आशीर्वाद से मंत्री व अन्य पद पाकर अपने को धन्य समझने वाले लोग, उनकी शान में बिरुदावली गाने वाले कई समाचार चेनल व उनके एंकर रेल घोटालेमें हुयी बदनामी,  व कोयला घोटाले की रिपोर्ट में छेड़ छाड़ पर मिली सुप्रीम कोर्ट की जबरदस्त लताड़ से दागदार हुयी  उनकी छवि को धोने चमकाने में लग गए हे. इसके लिए इन यह जानते हुए भी की महारानी जी की पार्टी में उनकी मर्जी या जानकारी के बिना किसी की ओकात छोटे मोटे निर्णय करने की नहीं हे, फिर इतने बड़े कांड तो महारानी जी की जानकारी,शायद  सहमती भी,  के बिना कोई कर ही नहीं सकता, महारानी जी को बदनामी से बचाने छोटे वजीरों को बलि का बकरा बना उनके पद की बलि ले ली गयी, सारी बदनामी का ठीकरा मुख्य वजीर के सर फोड़ कर पार्टी के चापलूस नेता व महारानी की शान में कसीदे पढ़ते हुए समाचार चेनलों के सवाददाता इस तरह प्रसारित कर रहे हे, महारानी जी  अपनी पार्टी में भ्रष्टाचार बिलकुल बर्दास्त नहीं करती हे, वो खुद चलकर मुख्य वजीर के घर आई और दागी वजीरों को हटाने का अनुरोध किया , और तुरंत दागी वजीरों को हटा दिया गया , वो वजीर यह कहते रहे की वो त्यागपत्र क्यों दे,  क्या सिर्फ उनकी ही गलती हे, उन्होंने तो केवल मुख्य वजीर पर लग रहे घोटालों के आरोपों से उनकी , पार्टी की , व महारानी जी की हो सकने वाली बदनामी बचाने , उनकी व महारानी जी की जनता में ईमानदार व साफ सुथरी छवि की पोल खुलने से बचाने के लिए ही ऐसा गेर क़ानूनी कार्य किया था , फिर उनको ही बलि का बकरा क्यों बनाया जा रहा हे, यह भी प्रचारित किया गया कि  महारानी तो चाहती थी की भ्रष्ट वजीर हटे , पर मुख्य वजीर उनको बचा रहे थे, बेचारे मासूम और भोले या चापलूस व बिकाऊ संवाददाता, क्या नहीं जानते की महारानी जी आगे मुख्य वजीर की क्या ओकात की वो किसी को भी बचाए या हटाये .

       महारानी जी गदगद हे, आपसी अंतर्कलह,अपने अहंकार के लिए बचों की तरह जिद करने,  व एक दुसरे को निचा दिखाने में पार्टी की साख को दाँव पर लगा  मटियामेट करने में महारत हासिल कर चुकी, बार बार मार  खा कर भी नहीं सुधरने का रिकार्ड बना रहे प्रमुख विपक्षी पार्टी से दक्षिण के राज्य की सत्ता छीन कर अपनी सत्ता कायम करने से खुश हे,विपक्षी दल के इन्ही कारणों से मिली जीत को पार्टी के नेता चापलूसी के नए कीर्तिमान बनाने के लिए इस जीत को महारानी व युवराज का करिश्मा,उनके विचारों की जीत,जेसी नयी नयी उपमाओं से सजाकर महारानी व युवराज के गुणगान में बावले हो रहे हे, महारानी जी की बदरंग छवि को धोने का एक साबुन जो मिल गया हे. जैसे किसी भी प्रदेश में पार्टी की हार से उजागर युवराज की नाकामी से उनको बचाने के लिए हार की जिम्मेदारी अपने ऊपर लेकर बलि का बकरा बनने की ,परन्तु कहीं भी किसी भी कारण , किसी की भी मेहनत से मिली जीत का श्रेय राजकुमार या महारानी को देने होड़  पार्टी नेताओं में लग जाती हे, ठीक वेसे ही देश की जनता के धन की लूट के अनगिनत आरोपों से महारानी को बचाने के लिए,महारानी को खुश कर उनके आशीर्वाद पाने की होड़ में  ये महारानी के इशारे पर हर अनेतिक, गेर क़ानूनी काम करने को तत्पर रहते हे, जहां महारानी की इच्छा तथा सहमती की बिना कोई साँस भी नहीं ले सकता, वंहा ये दरबारी किसी काम में सफलता मिले वह महारानी का करिश्मा, उनकी लोकप्रियता में वृधि के रूप में जोर शोर से प्रचारित करते हे, परन्तु जब  किसी अनेतिक काम में महारानी की इज्जत मिटटी में मिलती दिखे तो उस काम की बदनामी का पूरा ठीकरा अपने सर फोड़ने यानी  बलि का बकरा बनने की, या कोई बनने को कोई तैयार न हो उसे जबरदस्ती बनाने की   पार्टी में पुरानी परम्परा रही हे.   
        महारानी जी आजकल बहुत समझदार हो गयी हे अपने से बुजुर्ग, राजनीति में माहिर,  अधिक ज्ञानी व समझदार दरबारियो की चापलूसी, महारानी के आशीर्वाद पाने को हमेशा लालायित व उतावले लोगो , तथा विपरीत विचारो के समर्थक दलों के  लालची नेताओ के सहयोग से अपनी सरकार चलाना अच्छीतरह जान  गयी हे.   अपनी सरकार को बचाने दूसरी पार्टी की लोगो को पैसे से खरिदने का कार्य होता  हे, किसी को सरकारी जाँच एजेंसी से जाँच की धमकी दिलवा कर अपनी गिरती सरकार बचाने उनका समर्थन हासिल किया जाता  हे, परन्तु पोल खुलने पर तमाम दरबारी इसकी सारी जिम्मेदारी अपने या दुसरे पर डाल कर महारानी को पाक साफ साबित करने में पूरी उर्जा लगा देते हे, अपने सहयोगी मिडिया के सहयोग से यह प्रचारित करने में लग जाते हे, कि महारानी को इसकी कोई जानकारी नहीं थी,इस घटना से महारानी नाराज हे, इसके लिए मुख्य वजीर या सम्बंधित वजीर जिम्मेदार हे, कोई समाचार चेनल का संवाददाता यह नहीं पूछता की महारानी की जानकारी या सहमती के बिना यह सब करने की उसकी हिम्मत थी .महारानी अपने विदेशी मित्रों का भारत की जनता का बेईमानी व दलाली से लुटा विदेशी बेंको में रखा धन जिस पर पहले की सरकार ने निकालने पर क़ानूनी रोक लगा दी थी, अपने चाकर मंत्रिओं से  उसके विदेशी बेंको पर लगीं रोक हटवा कर उन्हें वो भारत का धन अपने देश ले जाने देती हे, कानून विभाग का मंत्री इसकी सारी  जिम्मेदारी अपने ऊपर लेकर  महारानी की छवि को दागदार होने से बचाने जी जान से लग जाता हे. महारानी देवी की तरह अपने दरबारी भक्त को आशीर्वाद देती हे, और विदेशियों से आशीर्वाद पाकर अपने को धन्य समझने वाले मंत्रीजी गदगद हो जाते हे।   
      महारानी जी की पार्टी को विदेशी तानाशाहों से तेल की दलाली से अपार धन कमाया ,तेल का यह खेल वर्षों चला,  जनता की आँखों में धूल झोंककर महारानी के आज्ञापलक दरबारी गेरकानुनी रूप से अथाह धन कमाते हे, परन्तु एक दिन बेईमानी का घड़ा फूटता हे सारा राज जनता के सामने खुल गया  हे,महारानी जी तनिक भी चिंतित नहीं हे, उनके चेहरे की रहस्यमयी मुस्कान कायम हे,महारानी जानती हे की उसके  सभी चापलूस दरबारी महारानी की चिथड़े चिथड़े होती इज्जत बचने के लिए सम्बंधित मंत्री को बलि का बकरा बना उसकी  बलि चढाने में जुट जाते हे, अपने पद की बलि चढाने से बचाने बकरा खूब उछल कूद मचाता हे, पर महारानी को बचाने  हर अनेतिक कार्य का जिम्मा अपने ऊपर लेने को तत्पर दरबारियो की भीड़ के आगे बेचारे की क्या ओकात आखिर जाना ही पडा . दरबारी अपने लिए पक्षपाती समाचार चेनलों के मार्फ़त महारानी को इस पूरी घटना से मासूम व  अनजान बता  उन्हें नेतिकता की देवी साबित करने को  अपना अहोभाग्य  समझ सुख अनुभव करते हे.कुछ दिन पूर्व  महारानी जी के दामाद पर घोटालों के दाग लगे, गेर क़ानूनी रूप से अथाह धन सम्पति हड़पने के आरोप लगे तो जेसे महारानी की पार्टी में भूचाल ही आगया,महारानी जी बिलकुल परेशान नहीं हे, लगभग पूरी की पूरी पार्टी के बड़े पद वाले वजीर से लेकर छुटभैये नेता तक सारे कामकाज छोड़ महारानी के दामाद को आरोपों से बेगुनाह साबित करने, महारानी जी की मिट्टी में मिलती इज्जत बचाने के एकमात्र कम में जोरशोर से लग गये हे,,पहले बिना जाँच के ही महारानी के हुकम के बन्दे  बड़े बड़े वजीर बिना जाँच के ही उन्हें निर्दोष घोषित कर देते हे, बलि का बकरा ढूंढने के कवायद शुरू हो गयी  हे,देश की जनता को गुमराह करने  तुरंत जाँच बेठा दी जाती हे, जिस देश में किसी भी छोटी सी जाँच में ही जहाँ महीनो, वर्षों लग जाते हे, बहुत जल्दी दामाद को निर्दोष साबित करने वाली  जाँच रिपोर्ट आ जाती हे, महारानी जी के दामाद के गेरकानुनी कार्यों की जाँच  का आदेश देने वाले ईमानदार सरकारी अफसर को पद से हटा दिया जाता हे, 
   लगातार गुणगानो से चापलूस दरबारियो ने जनता में महारानी की छवि इस तरह की बना दी हे की देश की सह्रदय व भोली जनता महारानी के ढोंग भी को भी त्याग समझ लेती हे, पहले गेरकानुनी रूप कई पदों  पर आसीन महारानी जी जब कानून के फंदे में फंसने लगी और मज़बूरी में पद त्याग करना पड़ा , उस पद त्याग को महारानी के दरबारियो ने महान त्याग के रूप में जोर शोर से प्रचारित कराया, जिसमे महारानी जी की चारण गिरी में दरबारियो को भी मात  करते हुए अपने को महाज्ञानी होने के दंभ भरने वाले चन्द समाचार चेनलों व उनके संवाददाता उन्हें त्याग की देवी साबित करने पूरा सहयोग दिया तथा हर समाचार को निष्पक्षता से दिखने के अपने पत्रकारिता धर्म के साथ गद्दारी की। 
  देश की जनता की जल्दी भूलने की बीमारी व मुखोटों के पीछे के असली घ्रणित चेहरो को पहचानने की क्षमता होने की अति आवश्यकता हे, देश को बर्बादी से बचाने गरीबी मंहगाई व भ्रस्टाचार मी महामारी से बचाने के लिए यही एक रास्ता हे , जनता जबतक ऐसे ढोंगियो को पहचान कर सत्ता से बाहर  नहीं करेगी लुटती,पिटती, मरती रहेगी, जेसे कि  किसी गलत बात का विरोध करने पर  अहंकारी सत्ता पक्ष के लोग पुलिस के सहयोग से जनता के साथ करते हे. 

बुधवार, 27 मार्च 2013

महारानी जी की मुस्कराहट

महारानी जी के चहरे पर हमेशा की तरह रहने वाली रहस्यमय मुस्कराहट कायम हे, महारानी जी की पार्टी के अपने आप को महारानी जी के सबसे बड़े खिदमतगार साबित करने की होड़ में लगे रहने वाले बड़े नेताओं  से लेकर छोटे कार्यकर्ताओं तक को महारानी जी की यह मुस्कराहट आम जनता के हित करने से पैदा हुई लगती हे , परन्तु विरोधी पक्ष के लोगो को जनता के धन को लूटने से पैदा हुयी खुसी की कुटिल मुस्कराहट लगती हे, आम जनता हमेशा की तरह बार बार  लुटते  पीटते रहने के बाद भी महारानी जी की मुस्कराहट का रहस्य जानने की नाकाम कोशीस में लगी ह, महारानी जी जब भी  किसी समाचार चेनल के माध्यम से जनता को दर्शन देती हे, मुस्कराती ही दिखती हे, देश की हालत बद  से बदतर होती जा रही हे, जनता भ्रस्टाचार , मंहगाई व आतंकवाद से त्रस्त हे, बढती बेरोजगारी से देश का युवा अपराध को रोजगार बनारहाहे. फिर भी महारानी जी मुस्करा रही हे. 
महारानी जी के दल के बड़े बड़े नेताओं के बड़े बड़े घोटालों की लम्बी फेहरिस्त में एक नया मोती जोड़ते हुए एक नया घोटाला हेलीकॉप्टर घोटाले के रूप में सामने आया हे. देश की जनता का करोडो रुपया फिर से लुट लिया गया, महारानी जी की मुस्कान कायम हे, कहीं दर्द,परेशानी अफ़सोस  या देश की जनता के प्रति दुःख जेसे कोई चिन्ह उनके चेहरे पर नहीं दीखते, शायद महारानी की नजरों में यह सामान्य घटना हे, आजादी के बाद से महारानी जी के परिवार का ज्यादातर समय राज रहा हे, तथा अबतक हुए अनगिनत घोटालो में उनके परिवार के सदस्यों की सीधे या  उनकी पार्टी के हरदम हाथ जोड़े नतमस्तक खड़े रहने वाले नेताओं के माध्यम हिस्सेदारी जरुर रही होगी, क्योंकि यह तो कोई मान ही नहीं सकता की महारानी की पार्टी में उनकी आज्ञा या जानकारी के बिना किसी की यह ओकात हे की वह कुछ भी कर सके. जेसे जेसे नए नए घोटाले जनता के सामने आते हे, महारानी जी के चेहरे की मुस्कान बढती जाती हे. 
महारानी जी मुस्काये भी क्यों नहीं, वो जानती हे, जेसे ही कोई घोटाला सामने आएगा, जिसमे उनके ससुराल हो चाहे उनके विदेशी पीहर के दोस्तों या पार्टी के लोगों पर आरोप लगेंगे उनकी पार्टी की कीचड़ उछालु,चीख चीख कर उलजलूल बकबक करने में महारत हासिल नेताओं की टोली तुरंत सक्रीय होकर या तो घोटालो सही साबित करने या अपनी पार्टी को  पाक साफ बताने के कुतर्क देने लग जायेगी . या फिर घोटाले का  बहुत मामूली कोई सम्बन्ध विरोधी दल में ढूंढने में लगकर,घोटाले का नहीं  किसी भी तरह का संबंध मिलने पर पूरा दोस विरोधिओं पर मढने में अपनी सारी  उर्जा लगा देंगे . अगर विरोधी पार्टी से किसी घोटाले का सम्बन्ध नहीं मिला तो इन हुल्लड़बाज नेताओं को कोई फर्क नहीं पड़ता,क्योंकि महारानी जी ,उनके देशी विदेशी परिवार या पार्टी के घोटाले बाजो को तथा अन्य आरोपियों को बचाने का एकमात्र काम करते करते ये इतने बेशर्म हो चुके हे, की अपने अरबों के अनगिनत घोटालो को दबाने या प्रत्येक नए घोटाले से अपने को पाकसाफ साबित करने  के लिए विरोधी पक्ष के लोगों के करोड़ों के चंद घोटालों को चिल्ला चिल्ला कर बार बार बताते रहेंगे , समाचार चेनलों पर इस तरह की चर्चा करने पर बिना रुके न केवल अपने समय बोलते रहते हे, बल्कि दुसरे के समय पर भी बिच में जोर जोर से बोलते रहते हे, रोकने पर भी नहीं मानते किसी भी तरह समय पूरा करवा देते हे।
वेसे महारानी मुस्कराये भी क्यों नहीं, महारानी जानती हे, यह चमचों या बिरुदावली गाने वाले भांड टाइप लोगों के पार्टी हे, किसी का  भी कोई स्वतंत्र अस्तित्व नहीं हे,परजीवी कीड़े या बेल की तरह उनके नाम से जुड़े रहने से उनको रोजीरोटी नसीब हे, महारानी के परिवार के छोटे से छोटे सदस्य का गुणगान कर,पराधिनता में सुख महसूस करने वाले लोगो का जमावड़ा ही उनकी पार्टी हे. यहाँ किसी को कोई पद उसकी योग्यता या क़ाबलियत से नहीं, महारानी की मेहरबानी, या महारानी की चापलूसी करने से मिलता हे, देश का दुर्भाग्य हे की प्रधानमंत्री जेसे सर्वोच्च पद से लेकर किसी भी मंत्री पद पर बेठा व्यक्ति यह कहने में गर्व महसूस करता हे की यह पद मुझे महारानी के आशीर्वाद से मिला हे. उच्च मंत्री पदों पर नकारा लोगो की भरमार हे, देश की जनता त्रस्त हे, मंहगाई, भ्रस्टाचार व सरकारी लुट से परेशान हे,आतंकवाद चरम पर हे, कानून व्यवस्था चोपट हे, देश जल रहा हे, महारानी बिरुदावली सुन सुन कर नीरो की तरह  चेन की बांसुरी बजा रही हे, कुटिलता से मुस्करा रही हे. 
अनगिनत घोटालों से हो रही पार्टी की बदनामी, बढ़ते भ्रस्टाचार व मंहगाई से पार्टी की गिरती साख, के बावजूद भी महारानी जी का हमेशा मुस्कारते रहना गलत भी तो नहीं हे, क्योंकि महारानी जानती हे की जब कोई घोटाला सामने आएगा, उनकी पार्टी की कीचड़ उछालू  , उल जलुल बकबक कर सच्चाई को नकारने में महारत हासिल लेकिन समाचार चेनलो की सर्वाधिक पसंद चमचो की टोली तरह तरह के कुतर्क देकर या तो विरोधी दल के  लोगो या अपनी ही समर्थक दल के लोगो पर सारा दोस जड़ देङ्गे. या घोटाला उजागर करने वाली संवेधानिक संस्था पर कीचड़ उछालेंगे, उन्हें उनकी ओकात में रहने की नसीहत देंगे। 
या फिर अपने हाथ की कत  पुतली संस्थाओं को जाँच सोंप कर या तो लम्बे समय तक मामले को लटका देंगे, या अपने लोंगो को बचाने में उसका उपयोग करेंगे, जब इतना सब महारानी जी के इशारे भर से उनके लोग बढ़चढ़ कर करने लग जाते हो तो भला महारानी जी क्यों न मुस्कराए . 
महारानी जी की मुस्कराहट महारानी जी पर फ़िदा रहने वाले समाचार चेनलों की वजह से भी हे. कई बार तो समाचार चेनल जिस तरह महारानी जी व युवराज के गुणगान को इतने लालायित लगते हे की यह समझना कठिन होता की ये निष्पक्ष समाचार चेनल हे, या महारानी की बिरुदावली गाने वाले चमचे . महारानी के पक्ष में उनकी हल्ला बिग्रेड के नेताओं को तो यह जोर जोर से लम्बा लम्बा बोलने देते हे, परन्तु जब विरोधी पक्ष के लोग सच्चाई को सामने ला  कर महारानी या उनकी पार्टी की पोल खोल कर उनकी बखिया उधेड़ने लगते हे तब महारानी की पार्टी के लोग बिच में ही चिल्ला चिल्ला कर बोलना शुरू कर देते तब चेनल के एंकर या उनके सहयोगी न तो इनको रोकने की कोशिस करते हे, बल्कि कई बार तो खुद भी लगातार बोलना शुरू कर देते ताकि जनता महारानी की असलियत सुन व समझ न सके. 
महारानी जी की मुस्कान लगातार कायम हे, जब तक महारानी जी की पार्टी को सहयोग देकर सत्ता में बनाये रखने वाले स्वार्थी व लालची नेता रहेंगे, जो न सिर्फ खुद भ्रस्ट व जनता के धन के लुटेरे हे, बल्कि अपने स्वार्थ के लिए जनता को धोका देने में सिद्धहस्त हे,महारानी जी इनके सभी काले  कारनामों की पूरी जानकारी रखती हे, तथा महारानी जी के इशारों पर कार्य करने को मजबूर सरकारी जाँच एजेंसिओं की जाँच के डर से महारानी जी जेसे नचाना चाहे नाचने को तेयार हे,या मजबूर हे। मक्कारी से धर्मनिरपेक्षता का  ढोंग कर जनता को भूख, गरीबी व मंहगाई के दलदल में धकेलने को तत्पर रहते हे. 
महारानी जी का मुस्कारते रहना कंही वाजिब भी लगता हे, क्योंकि की महारानी जी जानती हे, की प्रमुख विरोधी पार्टी के नेता जो सब तरह से योग्य होने पर भी पद के लालच में एक दुसरे की टांग खिचते रहते हे, अपने को दुसरे से ज्यादा श्रेष्ठ मानने की होड़ में पार्टी की बदनामी की चिंता नहीं करते, अपना अहंकार पार्टी से ऊपर मानते हे, एसे  नेताओं की वजह से पार्टी देश के सर्वाधिक लोकप्रिय व योग्य व्यक्ति को सर्वोच्च पद का प्रत्याक्षी घोषित करने का निर्णय नहीं कर पाती,ऐसे केकड़ा प्रवृति के नेताओं वाली विरोधी पार्टी, अपने स्वार्थ को देश हित व जनता के हित से ऊपर मानने वाले अन्य दलों के लोगो की वजह से महारानी जी निश्चिंत हे की कोई उनकी पार्टी की जगह नहीं आ सकेगा . 
देश के ऐसे दुर्भाग्य  पूर्ण हालातों की वजह से जनता लुटती, पिटती तथा मरती रहेगी, महारानी जी मुस्कराहट दिनोदिन बढती रहीगी, देश का धन लुट कर भी महारानी जी व उनकी पार्टी के लोग मजे करते रहे गे.