शुक्रवार, 22 मई 2009
समाचार चेनल - महारानी के नए चाटुकार
महारानीजी आज हेरान से ज्यादा आश्चर्यचकित हे देश में मिली अपूर्व विजय से हेरान हे, तथा समाचार चेनलों के संवाददाताओं , एंकरों के रूप में मिली चाटुकारों की नयी जमात देखकर आश्चर्य चकित हे. सही भी हे पहले महारानी के गुणगान करने वालो में ज्यादातर उनकी पार्टी के लोग या कुछ हद तक सहयोगी पार्टी के लोग होते थे. परन्तु इन चुनाओ में समाचार चेनलों के रूप में नए चाटुकारों की बहुत बड़ी फोज मिली जिन्होंने महारानी, युवराज तथा युवरानी के गुणगान में दिनरात एक कर दिए , पुरे चुनाव प्रचार के दोरान महारानी की शान में कसीदे पढने वाले नए नए टी.वि. कार्यक्रम बनाये , युवराज तथा युवरानी को तो ऐसे प्रचारित किया मानो वो ही देश के भाग्य विधाता हों. देश के बुजुर्ग, अनुभवी नेता, महारानी की पार्टी तथा विरोधी पार्टी के बाकी सभी योग्य लोग देश को गर्त में ले जा रहें हों. तथा कम उम्र तथा कम अनुभवी युवराज तथा युवरानी ने इन लोगों से देश की रक्षा करने भगवान के रूप में अवतार लिया हो. पहले महारानी का सोचना था की उनके चाटुकारों की फोज उनके पार्टी कार्यकर्ताओं , नेताओं तक ही हे, परन्तु समाचार चेनलों रूपी नए चाटुकारों की फोज देखकर महारानी गदगद हे. इस फोज ने महारानी की पार्टी के लोगों का अपने विरोधिओं को जबाब देने उनकी आलोचना करने का कम बेहद आसान कर दिया हे, यह लोग न केवल महारानी युवराज,युवरानी का न केवल चारणों की तरह गुणगान करते हे, बल्कि महारानी की विरोधी पार्टी के लोगों की बेहद घटिया तरीके से अपमानित करने वाले अंदाज में आलोचना करते हे. ओछे , व शर्मनाक शब्दों का प्रयोग, तथा चीख चीख कर बोलते ये एंकर तथा संवाद दाता मिडिया का जहरीला तथा घिनोना चेहरा प्रस्तुत करते हे. इनका तरीका बेहद निम्न स्तर का होता हे, जब कोई विरोधी नेता इनकी गलत बात का जबाब देता ह या अपनी सही बात रखता हे तब ये तुंरत या तो उसकी बात के बीच में ही चीख चीख कर बोलना शुरू कर देतें हे, या ब्रेक के नाम पर उसको रोक कर वह बात वहीँ समाप्त कर देते हे, उसकी बात काटने तथा ब्रेक के बीच में २-३ मिनट जरुर होते हे ताकि उसकी बात को अपने तरीके से गलत बता सकें. चुनाओ में महारानी की पार्टी की अनसोची विजय से इन समाचार चेनलों में महारानी, युवराज तथा युवरानी के गुणगान की बिरदावली गाने की होड़ सी मच गयी हे, लगभग सभी चेनल नए नए कार्यक्रमों से गुणगान कर चारणगिरी के नए कीर्तिमान बना रहें हे, कोई महारानी को कृष्ण की तरह पेश कर रहा हे. (एसा कोई बीजेपी के नेता को करते तो उसे सांप्रदायिक साबित करने में कई दिन तक समय तथा श्रम लगाते) कोई युवराज के गुणगान में उनके जन्म से आजतक की घटनाओं को महान उपलब्धि तथा देश पर अहसान के रूप में प्रस्तुत कर रहा हे. पुराने ज़माने के चारण केवल राजाओ के गुणगान करते थे, बदले में इनाम पातें थे, परन्तु समाचार चैनल रूपी आधुनिक चारण महारानी, युवराज के गुणगान गाने के अलावा विरोधियों को अपमानित करने घटिया शब्दों, अपमानजनक टिप्पणियो से भरपूर कार्यक्रम बनाते हे. बदले में क्या इनाम पाते हे इसका रहस्य बरक़रार हे, परन्तु खोज का विषय जरुर हे. अंग्रेजों के ज़माने में ऐसे भारतियो की फोज थी जो उनको खुस रखने अपने ही देशवासियों पर अत्याचार करते थे, अंग्रेजों की नजरों में आने तथा कोई पद या इनाम पाने खुद बा खुद बिना किसे के कहे देशवासियों को प्रताडित करना, तथा अंग्रेजों का गुणगान उनका प्रमुख कार्य था, कहीं आज के चेनलों के संवाद दाताओं , एंकरों में ऐसे भारतियो की आत्मा तो नहीं प्रवेश कर गयी हे, जो निष्पक्षता का दावा करने के बावजूद महारानी की पार्टी के लोगों से ज्यादा महारानी, युवराज का गुणगान तथा विरोधियो का अपमान करते हे. देश का दुर्भाग्य हे, समाचार चेनलों ने पत्रकारिता का स्तर बहुत नीचा किया हे. हमें इनके इरादों को समझने की जरुरत हे, इनकी हर बात देश की आवाज मानने का भरम नहीं रखना चाहिए.
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