रविवार, 4 अप्रैल 2010

समाचार चेनल आइ बी एन ७ की पाकिस्तान परस्ती.

 -- आजकल लगभग सभी समाचार चेनलों पर सानिया मिर्जा, आयसा सिदकी, तथा सोएब मल्लिक छाये हुए हें. अबतक के तथ्यों, सबूतों, तथा टीवी पर दिखये जा रहे समाचारों से तो यही जाहिर  होता हे की सोएब मल्लिक ही झूठ बोल रहा हे, तथा सानिया जेसी नाम और दोलत वाली लड़की पाने के लिए आयसा को धोका दे रहा हे, यह भी लगता हे कि सानिया भी सब जानती हे, तथा अहंकार या मुर्खता वस इस धोके में शामिल हे. इस सम्बन्ध में,समाचार चेनल आइ बी एन ७ चेनल  ने एक चर्चा आयोजित कि जिसमे एक मुस्लिम महिला, एक मुस्लिम धर्मगुरु तथा एक मुस्लिम नेता को बुलाया था. चूँकि यह चेनल अपने को धर्मनिरपेक्ष मानता हे इसलिए हिंदूवादी संगठनों और दलों को अपमानित करना तथा दूसरों से करवाना इसका पहला और मनपसंद कार्य हे, शिवसेना ने सानिया मिर्जा कि एक दुश्मन देश के खिलाडी से शादी कि आलोचना कि थी, शिवसेना कि मुख्य आलोचना इस बात पर थी कि शादी के बाद सानिया भारत कि तरफ से केसे खेल सकती हे, जबकि वो पाकिस्तानी हो जाएगी. अब सानिया और पाकिस्तान कि आलोचना वोभी एक हिंदूवादी दल द्वारा, यह इस चेनल को केसे बर्दास्त होता, सोने पर सुहागा यह कि इस चेनल को बेठे बिठाये शिवसेना कि आलोचना करने और करवाने का एक और मुद्दा हाथ लग गया. फटाफट में चर्चा आयोजित हो गई, पर शिवसेना को कोसने कि इस चेनल कि सारी योजना तब धरी कि धरी रह गयी जब केवल एक महिला जिनका यह मानना था कि प्यार और दिल का महत्व ज्यादा हे, नाकि देश का, देश के मान सन्मान का, देश के गोरव तथा प्रतिस्ठा तथा करोड़ों देश वासियों कि भावनाओं का. सिर्फ इसी महिला ने सानिया के दुसमन देश के खिलाडी से शादी के निर्णय का समर्थन किया. बाकि मुस्लिम धर्म गुरु तथा मुस्लिम नेता ने सानिया के दुश्मन देश के खिलाडी से शादी कि आलोचना की, उनका कहना था, देश पहले हे, सानिया का उस देश के खिलाडी से शादि करना अनुचित हे जिसके समर्थित आतंकवादी निर्दोष भारतीओं को मार रहें हें. इस समाचार चेनल का एंकर इन दोनों की सानिया की इस तरह की आलोचना से चकरा गया, वह बोला की मेने तो सोचा था आप शिवसेना की आलोचना करेंगे, आप तो उनकी बात का ही समर्थन कर रहे हें, यह इस चेनल और उसके एंकर का कितना घिनोना और दोगला चेहरा प्रस्तुत करते हेकी जहाँ देश के मान सन्मान और गोरव के लिए विपरीत विचारों वाले मुस्लिम लोग शिवसेना की बात का समर्थन करते हे, वहीँ हिंदूवादी दलों की सही बात को भी गलत तरीके से प्रस्तुत कर उनकी आलोचना करने को एकमात्र लक्ष्य के लिए देश की गरिमा के साथ खिलवाड़ करते हे. इस पूरी चर्चा में, इस एंकर ने उस महिला को बिना बीच में बोले पूरी तरह से उसे बोलने का मोका देकर ध्यान से सुना. अपनी मन मुताबिक बात ही सुनने के आदि हो चुके एंकर महोदय शिवसेना आलोचना के लिए बुलाई गयी चर्चा में, उसकी बात का समर्थन, और सानिया तथा पाकिस्तान की आलोचना से इतने बोखला गए की जिनको बुलाया था उनकी ही आलोचना करने लगे, तथा जनता उनकी बात नहीं सुन सके, जब भी वो बोलते ये एंकर महोदय भी उनके साथ उनके बराबर बोलना सुरु कर देते. इसके अगले दिन दुसरे कार्य क्रम मुद्दा में दुसरे एंकर भी इसी तरह की हरकतें करते नजर  आये, जब भी कोई इनके मनमुताबिक बात से विपरीत बोलता या पाकिस्तान की आलोचना करता  ये महाशय उसको अपनी बात पूरी नहीं करने देते, उसकी बात के बीच में ही जोरजोर से बोलने लगते या उसकी बात पूरी होने से पहले ही दुसरे से सवाल करने लगते. जिन धर्मगुरु को पहले बुलाया था उनको इसमें भी बुलाया तथा एक सवाल के जबाब में इन्होने पाकिस्तान की आलोचना की , एंकर जी को यह बर्दास्त नहीं हुवा. उन्होंने सियासी बात कह कर बीच में तुरंत इनसे माएक हटा लिया तथा बाद में पूरी चर्चा में दुबारा उन्हें बोलने का मोका ही नहीं दिया. हालाँकि अब टीवी के ज्यादातर दर्शक इन समाचार चेनलों की हिंदूवादी संगठनों तथा दलों की ही आलोचना की दोगली तालिबानी मानसिकता समझने लगें हे, पर अभी भी बहुतों को समझने की जरुरत हे, इसी से देश का भला होगा.