शनिवार, 25 दिसंबर 2010

कांग्रेस कि नफरत फ़ैलाने का निंदनीय प्रयास

कुछ समय पूर्व में हुए  कांग्रेस के अधिवेशन में सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी, तथा दिग्विजय सिंह ने जिस तरह के संबोधन किये, उनसे लगता हे कि मंहगाई, भ्रस्टाचार, आतंकवाद व् विकिलिंक्स के राहुल गाँधी कि हिन्दू विरोधी मानसिकता के खुलासे से आम जनता में उनकी हितेषी होने कि समाप्त हो रही छवि को बचाने, प्रधान मंत्री कि मिस्टर क्लीन कि बजाय भ्रस्ताचारियो को सरंक्षण देने वाले कि छवि बन जाने से बचाने, तथा राहुल गाँधी कि मुस्लिम आतंकवादी समर्थक विचारधारा विकिलिंक्स के मार्फ़त सारी दुनिया के सामने आने से हुयी शर्मिंदगी, व जनता में धूमिल होती छवि को बचाने के लिए जनता का ध्यान बटाने के लिए बीजेपी,आर अस अस , तथा वी एच पि, पर अनर्गल आरोप लगा कर हिन्दू और मुस्लिमों में बीच नफरत फ़ैलाने, कि राजनीति सुरु कर दी हे. अंधाधुन्द बढती मंहगाई को रोक पाने में पूरी तरह नाकाम रहने, मुस्लिम आतंकवादियो से जनता को बचाने में असफल, बल्किमुस्लिमो के वोटो के लालच में  मोत कि सजा पाए आतंकी को बचाने , तथा भ्र्स्ताचारियो को सरंक्षण देने तथा उनको बचाने में सी बी आइ तथा अन्य जाँच एजेंसिओं के दुरपयोग से हुई बदनामी से बचने के लिए कांग्रेस को यही एकमात्र रास्ता नजर आता हे कि हिन्दू वादी संगठनो के विरुद्ध दुष्प्रचार करो, हिन्दुओ कि मामूली आतंकी घटनाओ को बढाचढा कर बताओ , मुस्लिमो में हिन्दुओ का भय पैदा करो, देश की हिन्दू-मुस्लिम जनता में    नफरत पैदा करो ,ताकि  जनता का ध्यान कांग्रेस की कमजोरियो से हट जाएँ. इस काम में कांग्रेश को मिडिया का भी भरपूर सहयोग मिलता हे, ज्यादतर समाचार चेनलों, समाचार पत्रों में हिंदूवादी संगठनो, हिन्दू हितो के लिए भी सोचने वालो को बदनाम करने की होड़ सी मची हे, राहुल गाँधी ने हिन्दू चरमपंथियो को लस्करे तोयबा से ज्यादा खतरनाक बताया था, पर कई समाचार चेनल तोहिन्दुओं द्वारा की गई  चार-पाँच मामूली बम विसपोटो की घटनाओ को ( जिस में कई  महीनों की जाँच के  बाद भी अदालत में कोई सबूत तक नहीं पेश हो सके)जिस तरह से बार बार बेहद खतरनाक तरीके से पेश करते हे , हिन्दू विरोधी मानसिकता वाले लोगो को बुला कर हिंदूवादी संगठनो के विरुद्ध जहर उगलने वाली परिचर्चा कराकर इस तरह का माहोल बनाते हे मानो किसी भी तरह से वो यह साबित करना चाहते हो की हिंदूवादी संगठन लस्करे तोयबा जैसे दुसरे मुस्लिम आतंकी संगठनो से ज्यादा खतरनाक हो.  मुस्लिम परस्ती, और हिन्दुत्व विरोधी मिडिया की मानसिकता देश  के लिए बेहद खतरनाक हे, हमें इसके विरुद्ध सावधान और एकजुट रहना हे. राहुल गाँधी ने जो हिंदूवादी संगठनो के लिए जो  कहा वह उनकी हिन्दुओं के लिए उनके खानदानी सोच का प्रकटीकरण था, आखिर वो आधे मुसलमान बाप राजीव गाँधी जिनके पिता फिरोज खान (महात्मा का दिया नाम फिरोज गाँधी)तथा पूरी ईसाई माँ अनातोनिया मेइनो(सोनिया गाँधी)की संतान हे, आखिर मुस्लिम आतंकी उनके भाई बंधू ही तो हें, इसलिए वो चाहे कितने ही हिन्दुओं को मारे, देश की संसद तक पर हमला करे, हिन्दू मंदिरों पर हमला करे, रेलवे स्टेशन, अस्पताल, होटल, पिकनिक की  जगहों, जेसे सार्वजनिक जगहों पर हमला कर सेंकडों लोगों की जान ले, देश की अरबों की सम्पति का नुकसान करे, राहुल गाँधी के लिए फिर भी वो हिंदूवादी संगठनो से कम खतरनाक हे, जिनके सदस्यों को  चार-पाँच मामूली बम विस्पोट में आरोपित   किया गया जो महीनों की जाँच के बाद भी आरोपी साबित नहीं किये जा सके. शायद राहुल गाँधी के लिए देश से ज्यादा अपने वो आतंकी  मुस्लिम भाई बंधू ज्यादा महत्व पूर्ण हे,  इसीलिए शायद   कांग्रेश बारी आने के बहाने से फांसी की सजा पाए मुस्लिम आतंकी अफजल गुरु को बचा रही हे,तथा उसके तथा कसाब के पालन पोसन पर बहुसंख्यक हिन्दू जनता का करोडो रूपया खर्च कर रही हे. दिग्विजय सिंह पहले भी हिंदूवादी संगठनों के विरुद्ध झूठे व बकवास बयान देकर तथा मुस्लिम आतंकवादियो के घर जाकर अपनी सहानभूति तथा समर्थन देकर अपनी मुस्लिम परस्त मानसिकता का सार्वजनिक प्रदर्सन कर चुके हे. करकरे सम्बन्धी बयान देकर पूरी तरह से झूठे साबित हो चुके,  हिंदूवादी संगठनों को बदनाम करने की घटिया मानसिकता की सच्चाई सामने आने की झेंप मिटाने,  , तथा "थोथा चना बाजे घना"की तर्ज पर अपने को खबरों में बनाये रखने के लिए, अपने आका राहुल गाँधी को खुस रखने के लिए  दिग्विजय सिंह ने संघ परिवार पर अनर्गल आरोप लगाये, दिग्विजय सिंह नहीं जानते कि सन 1925 में सिर्फ 5 लोगों से लगा संघ रूपी पौधा आज करोडो सदस्यों रूपी विशाल वाट वृक्ष बन गया हे, अपनी स्थापना के बाद से ही अपनी प्रखर रास्ट्र वादी  सोच के कारण धरमनिर्पेक्षता का आवरण लपेटे कांग्रेस तथा उस जेसे मुस्लिम परस्त दलों कि आंख कि किरकिरी रहा हे, संघ वो हाथी  हे, जिस पर बरसों से दिग्विजय सिंह जेसे  कई खुजली वाले कुते भोंकते रहें हे, कई बार उस हाथी को  झूठे  व अनर्गल आरोप लगा कर प्रतिबन्ध कि जंजीरे पहनाई गयी , पर झूठे व बेईमान लोगो कि समस्त चालों कि पोल खोलता हुवा संघ निरंतर प्रगति करता रहा. दिग्विजय सिंह कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को सलाह देते हे कि संघ और बीजेपी कागज के शेर हें इनसे डरने कि जरुरत नहीं हे, इनका मुकाबला लाठियों से करें, शायद मारकाट ही दिग्विजय सिंह, जगदीश तायेत्लर, सज्जन कुमार  जेसे कान्ग्रेसिओं कि पहचान हे, तथा पार्टी कि सोच. में तो कहता हु कि संघ से किसी को भी डरने कि जरुरत नहीं हे, न हिन्दुओं को नहीं मुसलमानों को, क्योंकि संघ  कि सोच रास्ट्र का  विकास हे, नाकि सत्ता प्राप्ति, रास्ट्र वादी सोच के संगठन डराकर नहीं समझाकर सकारात्मक तथा हितकारी परिवर्तन के प्रयास करतें हे, देश  के लोगो को डर दिग्विजय सिंह, चिंदबरम,राहुल गाँधी जेसे कान्ग्रेसिओं से हे, जो सत्ता प्राप्ति किसी भी हद तक निचे गिर सकते हे, देश में जातिवाद, साम्प्रदायिकता का जितना जहर कांग्रेस ने सत्ता प्राप्ति के लिए फेलाया हे, उतना किसी और दल ने नहीं. सरदार पटेल ने सेना भेजकर हैदराबाद को तो मुस्लिम हमलावर रजाकारों से आजाद करवा कर भारत में मिला  लिया, परन्तु नेहरू जी ने कश्मीर को भारत का पूर्ण हिस्सा बनाने के सरदार पटेल के प्रयास को सफल नहीं होने दिया, आज भी कश्मीर भारत का विवादस्पद राज्य माना जाता हे, नेहरू जी ने कश्मीर में जो मुस्लिम परस्ती का जो पोधा इसलिए लगाया था ताकि कांग्रेश पार्टी मुस्लिमो को हिंदूवादी संगठनो का भय दिखाकर उन्हें अपना वोट बैंकबना सके, जब भी कांग्रेस कि हालत ख़राब हो हिंदूवादी संगठनो पर अनर्गल आरोप लगा कर, मुस्लिमो में हिन्दुओ के प्रति नफरत का जहर भरकर उन्हें अपने वोट के लिए इस्तमाल कर सके. जातिवाद और साम्प्रदायिकता का जो जहर कांग्रेस ने देश कि एकता और भाईचारे कि भावना में घोला आज वो विकराल और खतरनाक रूप ले चूका हे, तथा ज्यादातर दल धर्मनिरपेक्षता के नाम पर और घोल रहे हे, आज कांग्रेस मुस्लिम वोट अपने पास बनाये रखने, तथा बीजेपी तथा शिवसेना जैसे कुछ दलों को छोड़ कर तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दल मुस्लिम वोट कांग्रेस से छिनने में जम कर मुस्लिम परस्ती कर रहे हे, देश के हिन्दू संगठनो विरोधी दोगली और विकृत मानसिकता वाले ज्यादातर  मिडिया,वामपंथी सोच वाले देशद्रोही जैसी विचारधारा वाले बुधिजीविओं  के सहयोग से गुजरात के दंगो कि तो जमकर आलोचना करते हे, नरेंदर  मोदी की बेहद आलोचना में  घटिया स्तर पर उतर जातें हे, क्योंकि वहां पर मरने वाले अधिकतर मुसलमान थे,पर गोधरा में लोगो को  जिन्दा जला दिये जाने की घटना की आलोचना तो दूर चर्चा तक नहीं करते , क्योंकि मारे  गए लोग हिन्दू थे, इन्दारागान्धी ने सत्ता के लालच में पंजाब में भिन्दरावाले जेसे आतंकवादी को पैदा कर जो मारकाट मचाई सारा देश जानता हे,जब उसी आतंकवाद के बाद के कारणों से इन्दारागान्धी की हत्या हुई उसके बाद तो कांग्रेस ने पुरे देश , खासकर दिल्ली में सिखों का जो  कत्लेआम मचाया वो गुजरात दंगो से कई गुना बड़ा था, कुछ दिन पहले के. सुदर्शन ने सोनिया गाँधी की आलोचना कर दी तो कांग्रेसियो ने  पुरे देश में उत्पात मचाया तथा नफरत फेलाई , यही कांग्रेस की पहचान हे, शर्मनाक यह की समाचार चेनलों ने कांग्रेसियो की गुंडागर्दी को सिर्फ विरोध प्रदर्सन कहा, जबकि अक्सर जब कोई हिंदूवादी संगठन छोटा सा विरोध प्रदर्सन भी करता हे, को समाचार चेनल उन्हें गुंडे, तालिबानी जेसे संबोधनों से जमकर आलोचना करता हे. अतः देश को दिग्विजय सिंह, चिंदम्बरम, राहुल गाँधी जेसे कांग्रेसियो से डरने,तथा सावधान रहने की जरुरत हे, जो मुस्लिम वोटो के लिए हिन्दुओ को कितना भी नुकसान पहुंचा सकते, हे, मुस्लिम आतंकवादियो को बचा सकते हे,अथाह  मुस्लिम आतंकिओं कि अनगिनत आतंकी घटनाओ  के बाद भी  यह कहते हे कि आतंकवादियो का कोई धर्म नहीं होता, हर मुसलमान आतंकी नहीं हे,  परन्तु दर्जन भर हिन्दुओ पर चार-पाँच आतंकी घटनाओ में शामिल होने के आरोपों मात्र से भगवा आतंकवाद का नाम देकर हिन्दू समाज को आतंकी घोषित करता हे, समाचार चेनल इसकी आलोचना करने कि बजाय बारबार उनके व्यक्तव्यों को प्रसारित कर देशभर में भगवा आतंकवाद शब्द को फेलाने में सहयोग करते हे, देशवासिओं को विचार करना हे कि हमें किस के सावधान रहने कि जरुरत हे, रास्ट्र वादी विचारधारा वाले संघ से, या मुस्लिम वोटो के लालच में नफरत फ़ैलाने वाले , हिन्दुओ को उनके हक़ से वंचित करने वाले कांग्रेसियो व अपने को धर्मनिरपेक्ष मानने वाले दलों से, जैसा कि मनमोहन सिंह जी ने कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला हक़ मुसलमानों का हे, तथा भाजपा, शिवसेना के अलावा किसी दल ने हिन्दू विरोधी इस व्यक्तव्य कि आलोचना तक नहीं कि. हमें अपनी सोच बदलनी ही होगी.