मंगलवार, 18 मार्च 2014

कीचड़ उछालो अभियान के नए महारथी

अदभुत बात थी,आचर्यचकित करने वाली भी,वर्षों राज करने वाले दल के युवराज कह रहे थे कि उन्हें व उनके दल को साधारण लोगो से बने  नये नये दल के लोगों से सीखने कि जरुरत है,देश कि भोली भाली  नहीं नहीं  - ना समझ,हर तकलीफ को अपनी किस्मत का लेखा मान दृढ़ता से मुकाबला करने कि बजाय तकलीफ का रोना रोते हुए सहन करने वाली जनता,अपने आप को अति ज्ञानी समझने तथा युवराज के हर छोटे से छोटे कार्य पर महानता का आवरण चढ़ा गुणगान करने में अपनी शान समझने वाले युवराज भक्त मीडिया कर्मी , महारानी तथा युवराज कि वंदना से अपने दिन कि शुरुवात करने वाले,उनकी भक्ति में चापलूसी कि हदें पार करने वाले शब्दों का निर्माण कर  अपने को महारानी तथा युवराज का सबसे बड़ा भक्त साबित करने कि होड़ में लगे पार्टी के बड़े तथा छूटभये नेता ,सभी युवराज कि  बात से हेरान,परेशान थे।  जिस दल के बड़े बड़े बुजुर्ग यहाँ तक कि  युवराज के दादा या पिता कि उम्र के नेता  ,वर्षो से उस दल को अपनी सेवाएं देते रहे नेता, उनकी सरकार में मुख्य वजीर से लेकर अनेक महत्वपूर्ण विभागों के जानकर तथा समझदार वजीर भी युवराज से कुछ न कुछ सीखने को लालायित रहते हो,किसी हो चुके कार्य को अगर युवराज को गलत लगे तो अपनी गल्ती मान उसे बदलने और युवराज के महान ज्ञान पर नतमस्तक होने वाले नेता ,सभी आश्चर्यचकित थे कि युवराज को साधारण लोगो के नए नए दल से क्या सीखना है।   
वेसे महारानी व युवराज के नेतृत्व में उनके दल ने अपने प्रमुख विरोधी दल व उनके  नेता जिनसे उन्हें अपने राजपाट छीनने का सबसे ज्यादा डर सता रहा है,के ऊपर कीछड़ उछालने का अभियान चलाया हुवा है,शायद ही कभी कोई दिन ऐसा जाता हो कि उनके दल का कोई न कोई नेता नए नए घटिया शब्दों या अभद्र भाषा में उनपर कीचड़ नहीं उछालता हो,एक तो ओछे शब्द ,व अभद्र भासा फिर चहरे पर कुटिल मुस्कान लिए,अपने मनपसंद टीवी चेनलों पर विरोधी दल व उनके बड़े नेता पर कीचड़ उछाल कर अपने आप को बेहद गौरान्वित महसूस करते है,ऐसा लगता है उनको यह भरोसा हो रहा है,कि महारानी व युवराज के दरबार में उनका रुतबा और बढ़ जायेगा,तथा उनसे  उनके दूसरे सहयोगी उनसे प्रेरित होकर जोर शोर से कीचड़ उछालने के नए नए शब्द,नए नए तरीके इजाद करेंगे तथा उनके इन प्रयासों से महारानी व राजकुमार को शांति व ख़ुशी मिलेगी।  
 वेसे युवराज आजकल चुनावी माहोल में कई ऐसे कारनामे कर जाते है जिनका उनकी पार्टी के पक्के पकाये नेता न पहले अंदाजा लगा पाते है, न बाद में पूरी तरह समझ पाते  है, युवराज भी कहाँ समझ पाते है,पता नहीं किसीके बहकावे या अपनी खुद कि दुर्लभ समझ का इस्तेमाल कर ऐसा कुछ बोल जाते है,कि खुद  उन पर तथा उनकी पार्टी पर भारी पड़ जाता है,फिर भी उनकी पार्टी के लोग उनकी बातो के नए नए अर्थ निकाल हकीकत में पार्टी को होने वाले नुकसान को सफलता दर्शाने में जीतोड़ मेहनत करते है तथा युवराज को सांत्वना देते है।  ऐसे में अगर युवराज अगर नयी नयी पार्टी के नए नए लोगो से कुछ सीखने कि जरुरत महसूस करते है तो पार्टी के  लोगो का चौंकना स्वाभाविक है, वर्ना अब तक तो वो यही मानते थे कि कीचड़ उछालने  में तो उनका कोई मुकाबला कर ही नहीं सकता,केसे कर सकता है पिछले कई कई वर्षों से ऐसा करते करते वो इतने माहिर हो गए है,कीछड़ उछालने में उन का ऐसा एकाधिकार सा होगया है कि जब भी वो कोई अच्छी बात भी बोलते है तो भी आम जनता को दूसरों पर कीछड़ उछालने जैसा ही प्रतीत होता है।  
 यहाँ  साधारण लोगो कि नयी पार्टी से सीखने कि जरुरत कि युवराज कि सोच सही थी, इस कार्य में गहरी समझ रखने वाले कुछ नेता ही युवराज कि बातो का अर्थ समझ पाये थे,पिछले कुछ वर्षों से विरोधी पक्ष तथा उनके नेताओं पर अनवरत कीछड़ उछालते रहने के बावजूद भी युवराज कि पार्टी हर चुनाव में पिछड़ती जा रही थी, दूसरे पक्ष के राज्यों पर अपना अधिकार करने कि तमाम कोशिशे तो बेकार साबित हुयी ही बल्कि अपने अधिकार वाले राज्यों में भी बुरी तरह पराजित हो बाहर होना पड़ा,युवराज कि छवि बनाने के लिए अपनी ही सरकार द्वारा पहले गलत निर्णय लेकर बाद में युवराज द्वारा  विरोध करवाकर उन निर्णयों को बदलने जेसी नोटंकी कर तथा विरोधी पक्ष के नेता पर अनवरत कीचड़ उछालने पर भी युवराज कि खुद कि छवि व जनता में उनकी साख निरंतर गिरती जा रही थी, पुरे देश में कई समाचार चेनलों द्वारा प्रस्तुत देशवासियों के विचारों के अनुशार  भी प्रमुख वजीर बनने में देश कि पसंद में प्रमुख विरोधी पार्टी के नेता से बहुत ज्यादा पिछड़ रहे थे,यानि कही उनके आसपास भी नहीं थे,  जिस पार्टी के नेताओं ने ज्यादातर समय अपने विरोधियों पर कीचड़ उछलने,देश कि प्रजा को धर्म,जाति ,प्रान्तवाद उंच नीच का झगड़ा करवा कर अंग्रेजों से विरासत में पायी शासन पद्दति बांटो और राज करो को के आधार पर शाशन किया हो,जनता को मुर्ख बना वोट लेने के समय देश सेवा का मुखोटा लगा देश कि जनता को ठगा हो, वो भला विकाश करना ,जनता का भला करना तो जानते नहीं,अब जनता देर से सही समझने लगी है,युवराज जनता कि नजरों में गिरते जा रहे थे।  
 अब युवराज कि पार्टी के सभी लोग नए बने के दल के साधारण लोगो से युवराज क्या सीखना चाहते है,समझने लगे थे, इस दल के लोग पहले एक निस्वार्थी,सच्चे देशभक्त व्यक्ति के साथ देश से बेइमानी,भ्रस्टाचार आदि मिटाने के आंदोलन के साथी थे,फिर कुछ अति महत्वाकांक्षी  लोगो कि महत्वाकांक्षा जागी व अपने गुरु से विश्वासघात कर अपनी नयी पार्टी बनाली और अपने अलावा सभी को बईमान घोसित कर सभी पर खासतौर पर युवराज के विरोधी पक्ष के नेताओं पर कीछड़ उछालने का सघन अभियान चलाया,   कुछ कुछ युवराज पक्ष के लोगो को भी लपेटे में लिया,देश कि बदनसीब जनता फिर कुछ लोगो के बहकावे में आगयी,और नये लोगों को अच्छा साथ देकर सत्ता के निकट पहुँचाया,जिनके विरुद्ध प्रचार करके जिनको सबसे बड़ा बईमान बता कर, जिनका न कभी साथ लेंगे न उनको देंगे ऐसी कस्मे खाकर पलटते हुए सत्ता सुख भोगा,यही तो युवराज को सीखने कि जरुरत थी,कि जो कीचड़ उछालने का काम उनके दल के लोग वर्षों से करते आरहे थे,जिसमें उनके दल के तथा उनके सहयोगी दल के लोग सबसे ज्यादा माहिर थे,वो यह क्यों नहीं कर पाये,जबकि नए आये लोगों ने न सिर्फ अपने अलावा बाकि सभी दलों पर,सभी संस्थाओं पर  भरपूर कीछड़ उछाला, जनता को भरपूर झूठ बोला,फिर भी जनता ने उनको समर्थन देकर सत्ता के नजदीक पहुँचाया,यही राज तो युवराज को जानना था,इस लिए उनको समर्थन देकर सत्ता में पहुँचाया। 
   युवराज भी थोड़े नासमझ है,इतना भी नहीं समझ पाये कि देश में मिडिया नामक अति अहंकारी ,अपने आप को सबसे समझदार मानने वाला झुण्ड है,जिसके अधिकतर लोग मुख्य विपक्ष के प्रमुख  नेता को पछाड़ने,उनको बदनाम करने के लिए उनपर निरंतर कीचड़ उछलने में लगे है, मुस्लिम परस्त सोच से प्रभावित छोटे छोटे दलों के लोगो के साथ मिल कर  इन लोगों ने इस व्यक्ति पर भरपूर कीचड़ उछला, अल्प ज्ञानी युवराज को महाज्ञानी कि तरह प्रचारित कर उनकी छोटी छोटी बातों को महिमा मंडित कर विपक्ष के प्रमुख नेता को निचा दिखाने उनको बदनाम करने का भरपूर प्रयास किया,परंतु उनके विकास कार्यों से प्रभावित उनके  प्रदेश कि जनता को अपनी सारी  कोशिशो के बावजूद बहका नहीं सके,ऐसेमें उनको अपने ही जेसे कीचड़ उछालने के नए महारथी मिले तो ऐसे मिडिया वालों के दिल ख़ुशी से झूम उठे,वर्षों से दबी कुंठा को पंख लगे,उनके प्रदेश में तो  जनता को अपने झूठ व मक्कारी के जाल में नहीं फसा सके, दूसरे प्रदेश कि उनके  विकाश कार्यो से अनजान जनता को बहका कर उन्हें कुछ कुछ पछाड़ने में तो सफलता मिल ही गयी,देश के अधिकतर राष्ट्रिय समाचार चेनलों ने नए आये अपने को मामूली मानने वाले लोगो के कीछड़ उछालो अभियान को खूब प्रचारित किया,उनके द्वारा फेंके गए कीचड़ में अपना कीचड़  मिला कर विरोधी पार्टी के  मुख्य नेता पर उछालने में लग गए।  
  यह तो जनता के साथ बड़ा धोका हो गया, कीचड़ उछलने वालो को बिना किसी आधार के आरोप लगा उतेजना फैलाने कि आसानी तथा सत्ता चलाने तथा जनता के वादे पुरे करने कि कठिनाई समझ में आने लगी,झूठे वादे कर मिडिया के सहयोग से जनता को बहका तो दिया अब जिम्मेदारी निभाने में हाथ पैर फूलने लगे,हर तरफ होने वाली  आलोचनाओं से परेशान अपने ऊपर उठते सवालों पर सही जबाब देने के बजाय चिल्ला चिल्ला कर उटपटांग बाते कर विषय को भटकाने में लगे रहे। किसी तरह सत्ता से बच निकलने को छट पटाने लगे,वो जान गए थे कि कितने ज्यादा दिन सत्ता में रहे आलोचनाओं तथा नाकामयाबियों का कीचड़ उनपर ही गिरेगा,जनता को रहत देने के अनेक वादो को पूरा करने से बचने के लिए एक वादे को सविंधान के विपरीत अपने आप को सविंधान मान पूरा करने को जिद करने लगे,जनता को राहत कि नहीं अपने अहंकार कि जिद पूरी करने के लिए जनता को धोका दे  मैदान छोड़ भाग खड़े हुए, 
   अपनी जिम्मेदारियों से पीछा छुड़ा,आम लोगो कि नयी पार्टी के ये भगोड़े नेता अब जैल से छूटे कैदियों कि तरह राहत महसूस कर रहे है,अब जनता कि कोई चिंता नहीं है,अपने पुराने कीछड़ उछालो अभियान में जोर जोर से लग गए है,खुद 50 दिनों तक भी जनसेवा नहीं कर सके,विपक्ष के नेता से जो पिछले 12 वर्षों से निरंतर जनसेवा करते हुए अपने प्रदेश को विकाश कि नयी ऊंचाइयों तक पहुँचाया है,उनसे जनसेवा केसे करेंगे सवाल पूछ रहें है,उनके दिमाक में कितना कीचड़ भरा है या दिमाक  कीचड़ निर्माण का कारखाना है,अधिकतर कीचड़ उनपर उछालते हुए थोडा कीछड़ युवराज कि पार्टी पर भी फेंक देते है,उनको अपने अभियान में अधिंकांश मिडिया के बुधिजीवी कुचक्री लोगो तथा समाचार चेनलों का भरपूर सहयोग मिल रहा है,इनके कीछड़ में ये लोग अपना कीचड़ और मिला विपक्षी नेता पर उछाल रहे है,अधिंकांश चेनलों के जनता में कराये गए सर्वे में इन मुख्य नेता को जनता के  सबसे अधिक पसंद के आंकड़ो को भी ये कुंठित लोग निरर्थक व बकवास तर्क देकर झुटलाने का प्रयास करते है,भगवान इन्हे सदबुद्धि  दे।  
  अरे भाई जनता तो सब समझती है,अब नासमझी दूर करदी है,जिम्मेदारी से भागने वालों को,तथा जनहित के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाने हर परिस्थिति का डट कर मुकाबला करने वालों को भी,झूठे मक्कार नेताओं को भी तथा दोगले चरित्र के मिडिया के लोगो को भी, परिवर्तन तो होना ही है।  
    

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